डोनाल्‍ड ट्रंप ने आखिरकार मान ली हार, कहा- व्‍यवस्थित तरीके से जो बाइडेन को सौंप देंगे सत्‍ता
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डोनाल्‍ड ट्रंप ने आखिरकार मान ली हार, कहा- व्‍यवस्थित तरीके से जो बाइडेन को सौंप देंगे सत्‍ता

अमेरिकी कांग्रेस द्वारा बाइडेन की जीत की पुष्टि करते ही ट्रंप ने बयान जारी कर कहा- 'भले ही मैं चुनाव के परिणाम से पूरी तरह असहमत हूं, फिर भी इसे मानता हूं और वादा करता हूं कि 20 जनवरी को व्‍यवस्थित तरीके से सत्‍ता सौंप दूंगा.'

डोनाल्ड ट्रंप (रायटर्स)

वॉशिंगटन: मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा दिया है कि वह स्वेच्छा से 20 जनवरी को पद छोड़ देंगे. इतना ही नहीं उन्‍होंने ये वादा भी किया है कि वह राष्‍ट्रपति चुने गए जो बाइडेन (Joe Biden) को व्‍यवस्थित तरीके से सत्‍ता सौंप देंगे. ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के संयुक्त सत्र में औपचारिक तौर पर बाइडेन की जीत की पुष्टि करने के कुछ ही मिनटों बाद आई है. इस सत्र में इलेक्‍टोरल कॉलेज का मिलान करके राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन और उप-राष्‍ट्रपति के पद पर कमला हैरिस को चुन लिया गया है.

  1. डोनाल्‍ड ट्रंप ने मानी हार 
  2. कहा- चुनाव परिणामों से सहमत नहीं 
  3. 20 जनवरी को सौंप दूंगा सत्‍ता

सत्र के दौरान ट्रंप समर्थकों ने मचाया था उत्‍पात 
परिणामों की पुष्टि गुरुवार को की गई, जबकि इससे पहले बुधवार को ट्रंप के सैंकड़ों समर्थकों ने इस सत्र में रुकावट डालते हुए कैपिटल हिल पर हमला बोल दिया था. ट्रंप समर्थकों ने यहां जमकर हिंसा की थी. 

अमेरिकी कांग्रेस द्वारा बाइडेन की जीत की पुष्टि करते ही ट्रंप ने बयान जारी कर कहा, 'भले ही मैं चुनाव के परिणाम से पूरी तरह असहमत हूं, फिर भी इसे मानता हूं र वादा करता हूं कि 20 जनवरी को व्‍यवस्थित तरीके से सत्‍ता सौंप दूंगा. भले ही यह राष्ट्रपति पद के इतिहास के सबसे महान कार्यकाल के अंत को बताता है लेकिन यह हमारी उस लड़ाई की शुरुआत है जो अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए है.' इस तरह उन्‍होंने 2024 में फिर से चुनावी मैदान में उतरने का इशारा भी दे दिया है. 

ये भी पढ़ें: US: हिंसा के बाद लगी इस्तीफों की झड़ी, Donald Trump के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में डेमोक्रेट्स सीनेटर

4 लोगों की हुई मौत 
इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और इसके बाद बाइडेन की जीत की पुष्टि के दौरान कैपिटल बिल्डिंग में जो हिंसा हुई, उसमें 4 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद बिल्डिंग को बंद कर दिया गया और कांग्रेस के लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर ले जाना पड़ा. 

बाइडेन ने यूएस कैपिटल में हुए दंगों को अमेरिकी लोकतंत्र पर करारा हमला बताया. साथ ही कहा कि वे अपने 4 साल के कार्यकाल में गहराई से बंट गए देश को एकजुट करने का काम करेंगे. 

बता दें कि 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन और हैरिस ने रिकॉर्ड संख्या में 8 करोड़ से ज्‍यादा लोकप्रिय वोट हासिल किए थे और 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट पाए थे. बाइडेन और हैरिस को अब 20 जनवरी को देश के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेनी है. कोविड-19 महामारी के कारण सादे तरीके से इस समारोह का आयोजन होगा. 

उप-राष्‍ट्रपति पेंस ने भी किया 'बॉस' का विरोध  
इलेक्‍टोरल कॉलेज की गिनती के दौरान आए व्‍यवधान के बावजूद पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सांसदों ने एकजुट होकर सुनिश्चित किया कि मतों की गिनती और सत्यापन की कार्रवाई पूरी हो. यहां तक कि उन्होंने 2 राज्यों- एरिजोना एवं पेनसिल्वेनिया - में निर्वाचन संबंधी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया. 

सीनेट ने एरिजोना के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को छह मतों के मुकाबले 93 मतों से स्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा ने इसे 121 के मुकाबले 303 मतों से खारिज किया.

इसी प्रकार सीनेट ने पेनसिल्वेनिया के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को 7 के मुकाबले 97 मतों से अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा में आपत्ति 138 के मुकाबले 282 मतों से नामंजूर हुई.

भारतीय मूल के चार सांसदों- रो खन्ना, एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल- ने दोनों आपत्तियों के खिलाफ मत दिया.

 यहां तक कि बीते 4 साल राष्‍ट्रपति ट्रंप के प्रति निष्‍ठावान रहे उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को अपने 'बॉस' का विरोध करने की हिम्मत दिखाई और कहा कि हिंसा की कभी जीत नहीं होगी बल्कि आजादी की जीत होगी.

 

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