दक्षिण कोरिया में अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के लिये छात्रों ने निकाला अनोखा तरीका
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दक्षिण कोरिया में अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के लिये छात्रों ने निकाला अनोखा तरीका

दक्षिण कोरिया में अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के लिये छात्रों ने एक नायाब तरकीब अपनाया. दरअसल, छात्रों ने जानबूझकर अपना वजन बढ़ा लिया ताकि उन्हें सेना में शामिल नहीं किया जाए. 

दक्षिण कोरिया में शारीरिक रूप से सक्षम सभी व्यक्तियों के सेना में पंजीकरण कराना जरूरी है.(फोटो- Reuters)

सोल: दक्षिण कोरिया में अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के लिये छात्रों ने एक नायाब तरकीब अपनाया. दरअसल, छात्रों ने जानबूझकर अपना वजन बढ़ा लिया ताकि उन्हें सेना में शामिल नहीं किया जाए.  मिलिट्री मैनपावर एडमिनिस्ट्रेशन (एमपीए) ने मंगलवार को बताया कि साऊथ कोरियन कॉलेज के 12 छात्रों ने शारीरिक जांच वाले दिन प्रोटीन पाउडर लिया और अच्छी खासी मात्रा में जूस का सेवन कर लिया. ये सभी छात्र शास्त्रीय संगीत की पढ़ाई कर रहे हैं. एमपीए ने कहा, ‘‘ऑनलाइन चैटरूम पर सहपाठियों ने वजन बढ़ाने के उपाय बताए. ’’ छात्रों ने बड़ी मात्रा में एलो वेरा का जूस पी लिया.  माना जाता है कि जूस अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक समय तक टिकता है.

दक्षिण कोरिया में शारीरिक रूप से सक्षम सभी व्यक्तियों के लिये 28 साल की उम्र तक कम से कम 21 महीने के लिये सेना में पंजीकरण कराना जरूरी है. जिन लोगों का वजन अधिक होता है या जिनका वजन कम होता है या जो किसी खास बीमारी से पीड़ित हों या विकलांग हों उन्हें इससे छूट हासिल है.  आम तौर पर उन्हें अदालतों या पुस्तकालयों जैसे स्थलों पर तैनात किया जाता है.

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12 होशियार छात्रों का अनिवार्य सैन्य सेवा के लिये वजन अधिक पाया गया और उन्हें सरकारी सेवाओं में काम करने का आदेश दिया गया. उनमें से दो ने अपनी सार्वजनिक सेवा पूरी कर ली है जबकि चार अन्य फिलहाल काम कर रहे हैं और छह सरकारी कार्यालयों में काम सौंपे जाने का इंतजार कर रहे हैं.

सेना ने कहा कि उसने इस चालबाजी का पता लगाने के लिये ‘डिजिटल फॉरेंसिक प्रौद्योगिकी’ का इस्तेमाल किया.  उसने संकेत दिया कि छात्रों द्वारा इस्तेमाल किये गए चैटरूम से संदेशों को देख लिया गया. अधिकारियों ने मामले को अभियोजकों को भेज दिया है.  अभियोजक फैसला करेंगे कि समूह को आरोपित किया जाए या नहीं. सेना ने चेतावनी दी कि अगर छात्र दोषी पाए गए तो उनका फिर से शारीरिक परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें सेना में सेवा देनी होगी.  

इनपुट भाषा से भी 

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