फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथी हमले के बाद विवादित बयान देने वाले मलेशिया के पूर्व PM ने दी सफाई
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फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथी हमले के बाद विवादित बयान देने वाले मलेशिया के पूर्व PM ने दी सफाई

 मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री (Malaysian Prime Minister) महातिर मोहम्मद (Mahathir Mohamad) ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किये गए हमलों को लेकर उनकी टिप्पणी को संदर्भ से हटकर लिया गया, जिससे उन्हें निराशा हुई.

फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथी हमले के बाद विवादित बयान देने वाले मलेशिया के पूर्व PM ने दी सफाई

कुआलालंपुरः मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री (Malaysian Prime Minister) महातिर मोहम्मद (Mahathir Mohamad) ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किये गए हमलों को लेकर उनकी टिप्पणी को संदर्भ से हटकर लिया गया, जिससे उन्हें निराशा हुई. महातिर (95) गुरुवार को अपने ब्‍लॉग पर की गई टिप्पणी, ''मुस्लिमों को गुस्सा होने और फ्रांस द्वारा पूर्व में किए गए नरसंहार के लिए फ्रांस के लाखों लोगों को मारने का अधिकार है.'' को लेकर लोगों के निशाने पर आ गए थे.

महातिर को ट्विटर पर बैन करने की उठी थी मांग
ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाले ट्वीट को हटा दिया. कंपनी का कहना है कि इसमें हिंसा को गौरवान्वित किया गया था. वहीं फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से महातिर को ट्विटर पर प्रतिबंधित करने की मांग की. महातिर ने एक बयान में कहा,  ''मैं खुद को गलत तरह से प्रदर्शित किए जाने और ब्‍लॉग पर जो लिखा उसे संदर्भ से हटकर पेश जाने के प्रयासों से निराश हूं.''

सफाई में बोले महातिर, लोगों ने नहीं पढ़ा पूरा ट्वीट
उन्होंने कहा कि आलोचक उनकी बाद की पंक्तियों को पढ़ने में विफल रहे, जिसमें उन्होंने लिखा था, ''हालांकि अब तक बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने आंख के बदले आंख वाली नीति नहीं अपनाई है. वे ऐसा नहीं करते हैं. फ्रांस के लोगों को भी नहीं करना चाहिए. इसके बजाय फ्रांस को अपने लोगों को दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए.''

उन्होंने कहा कि ट्विटर और फेसबुक ने स्पष्टीकरण के बाद भी उनके बयान को हटा दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों के इस कदम को पाखंडपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ एक तरफ तो वे उन लोगों का बचाव करते हैं जो पैगम्बर मोहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून बनाते हैं और उम्मीद करते हैं कि सभी मुस्लिम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें. जबकि दूसरी ओर उन्होंने जानबूझकर यह बयान हटा दिया कि अतीत में मुस्लिमों ने कभी बदले की बात नहीं की.’’ हालांकि ट्विटर पर वह वाक्य नहीं हटाया गया है जबकि महातिर के एक कर्मचारी का कहना है कि फेसबुक ने पूरी पोस्ट को हटा दिया है.

 

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