अमेरिका ने कड़ी शर्तों के साथ पाकिस्तान को दी 25.5 करोड़ डॉलर की मदद
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अमेरिका ने कड़ी शर्तों के साथ पाकिस्तान को दी 25.5 करोड़ डॉलर की मदद

हफ्ते भर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि आतंकियों को पालने पोसने के बदले उसे बहुत कुछ खोना होगा.

ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को  सशर्त सैन्य सहायता दी. (file)

वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने कांग्रेस को सूचित किया है कि उसने पाकिस्तान को 25.5 करोड़ डॉलर की सशर्त सैन्य सहायता दी है लेकिन इस मदद का इस्तेमाल वह तभी कर सकेगा जब वह आतंकी समूहों के खिलाफ और कार्रवाई करेगा. इस घोषणा से हफ्तेभर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरिकियों की जान लेने वाले आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाने के लिए पाकिस्तान पर हमला बोला था. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि आतंकियों को पालने पोसने के बदले उसे बहुत कुछ खोना होगा.

  1. अमेरिका ने 25.5 करोड़ डॉलर एस्क्रो खाते में रखे.
  2. शर्ते पूरा करने पर ही पाकिस्तान इस्तेमाल कर सकेगा पैसा. 
  3. तनावपूर्ण चल रहे हैं पाकिस्तान-अमेरिकी संबंध.

एस्क्रो खाते में डाले गए 25.5 करोड़ डॉलर
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को कांग्रेस को सूचित किया कि पाकिस्तान को सैन्य सहायता के रूप में 25.5 करोड़ डॉलर वह एक एस्क्रो खाते में रख रहा है जिसका इस्लामाबाद तभी इस्तेमाल कर पाएगा जब वह अपने यहां मौजूद आतंकी नेटवर्कों पर और कार्रवाई करेगी, वह आतंकी समूह जो पड़ोसी अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं.

क्या होता है एस्क्रो खाता
एस्क्रो खाता वह खाता होता है जिसमें पैसा इस शर्त पर जमा करवाया जाता है कि धनराशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकेगा जब कि पहले से तय शर्तें पूरी नहीं हो जाती. 

पाक-अमेरिका के बीच संबंध हैं तनावपूर्ण
सैन्य सहायता देने का फैसला ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. पाकिस्तान ने वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ कम से कम तीन हाई प्रोफाइल बैठकें रद्द कर दी थी. इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ का अमेरिकी दौरा जिसमें वह विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन से मुलाकात करने वाले थे, वह भी रद्द कर दिया गया.

पाकिस्तान ने अमेरिकी बयानों की आलोचना की
पाकिस्तान की कौमी असेंबली ने प्रस्ताव पारित कर आरोप लगाया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पाकिस्तान पर दिए गए हाल के बयान शत्रुतापूर्ण और धमकाने वाले हैं. हालांकि अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया कि वह चाहता है कि पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.

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