नए वेरिएंट की वजह से भारत से लेकर ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में कोरोना ने तबाही मची हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बीते साल कोरोना के इस वेरिएंट के बारे में खुलासा किया था और कहा कि वायरस के अंदर काफी म्यूटेशन हो चुके हैं जो काफी खतरनाक साबित हो रहे हैं.
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कनाडा: कोरोना की दूसरी लहर ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रखी है और रोज लाखों की संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. अब कनाडा की ब्रिट्रिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी (UBC) ने कोरोना ने एक ऐसे वेरिएंट की मॉलिक्यूलर तस्वीर पब्लिश की है जो दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है. इसे B.1.1.7 COVID-19 के नाम से जाना जाता है और यह पहली बार बीते साल दिसंबर के दौरान ब्रिटेन में खोजा गया था.
स्टडी में सामने आया कि कोरोना का यह वेरिएंट पिछले के मुकाबले काफी तेजी से फैलता है और जल्द से अपना स्वरूप बदलता है. यही वजह है कि यह लोगों को ज्यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है. यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आया कि यह वेरियंट मानव शरीर की कोशिकाओं में काफी तेजी से दाखिल हो जाता है, यह बात इस तस्वीर में भी देखी जा सकती है.
UBC researchers unveil first molecular images of B.1.1.7 COVID-19 mutation https://t.co/Zjwy1H41QH pic.twitter.com/y9MhKu54vR
— University of British Columbia (@UBC) May 3, 2021
इसके अलावा इसी नए वेरियंट की वजह से भारत से लेकर ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में कोरोना ने तबाही मचा रखी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बीते साल कोरोना के इस वेरिएंट के बारे में खुलासा किया था और कहा कि वायरस के अंदर काफी म्यूटेशन हो चुके हैं जो काफी खतरनाक साबित हो रहे हैं.
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रिसर्चर्स के मुताबिक B.1.1.7 वेरिएंट में अलग तरह का म्यूटेशन है जो कि इंसान की कोशिकाओं में दाखिल होकर उन्हें संक्रमित कर देता है. इसके अलावा ये वेरिएंट आम माइक्रोस्कोप की पकड़ से बाहर है और इसे सिर्फ Cryo-Electron Microscope के जरिए ही देखा जा सकता है.