संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की म्यामां से अपील, रखाइन में रोहिंग्या मुस्लिमों को वैधानिक दर्जा दें
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की म्यामां से अपील, रखाइन में रोहिंग्या मुस्लिमों को वैधानिक दर्जा दें

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि हर कोई राज्य में भेदभाव, निराशा तथा घोर गरीबी के लंबे इतिहास से वाकिफ है.

म्यामां में हिंसा के बाद वहां से कीचड़ भरे रास्ते से होकर बांग्लादेश की ओर जाते रोहिंग्या शरणार्थी. (Reuters Photo/6 September, 2017)

संयुक्त राष्ट्र/चटगांव: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने म्यामां सरकार का आह्वान किया है कि वह रखाइन प्रांत में मुसलमानों को या तो नागरिकता या फिर वैधानिक स्तर प्रदान करे. उन्होंने हिंसा पर चिंता जताई जिसकी वजह से लगभग 1,25,000 लोगों को म्यामां से भागकर बांग्लादेश जाना पड़ा है. महासचिव ने कहा कि वह रखाइन प्रांत में सुरक्षा, मानवीय और मानवाधिकार स्थिति को लेकर ‘‘काफी चिंतित’’ हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई राज्य में भेदभाव, निराशा तथा घोर गरीबी के लंबे इतिहास से वाकिफ है.

उन्होंने रखाइन में सुरक्षा, मानवीय और मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताते हुए मंगलवार (5 सितंबर) को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी द्वारा हाल में किए गए हमलों की निन्दा की है. लेकिन अब हमारे पास म्यामां के सुरक्षाबलों की ओर से अंधाधुंध हमलों सहित हिंसा की लगातार खबरें आ रही हैं.’’ गुतारेस ने कहा, ‘‘इससे चरमपंथ और बढ़ेगा.’’ महासिचव ने कहा कि उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करने और हिंसा के खात्मे के लिए विभिन्न कदम सुझाने के वास्ते सुरक्षा परिषद को आधिकारिक रूप से लिखा है.

उन्होंने स्थिति को और बिगड़ने से रोकने तथा किसी समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया तथा म्यामां के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंद लोगों को सुरक्षा और सहायता मुहैया कराएं. गुतारेस ने कहा, ‘‘रखाइन प्रांत के मुसलमानों को या तो नागरिकता, कम से कम अभी के लिए, या वैधानिक स्तर मुहैया कराना महत्वपूर्ण होगा जिससे उन्हें सामान्य जीवन जीने, आवागमन की स्वतंत्रता और श्रम बाजारों, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में मदद मिलेगी.’’ वहीं, इंडोनेशिया में मुसलमानों ने जकार्ता स्थित म्यामां दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी हिंसा को रोकने की मांग की.

बांग्लादेश में 146000 रोहिंग्या शरणार्थी : संयुक्त राष्ट्र

ढाका स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने बुधवार (6 सितंबर) को कहा कि उत्तर पश्चिम म्यांमार में जारी हिंसा से भागकर 25 अगस्त से अबतक करीब 146,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के रेसीडेंट कोऑर्डिनेटर रॉबर्ट वाटकिंस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के मंगलवार (5 सितंबर) के अनुमानित 123,000 के आंकड़े से यह 23,000 ज्यादा हो गया है.

म्यांमार के उत्तर पश्चिम राखिने राज्य में सेना की कार्रवाई के कारण भागकर हजारों लोग समुद्र, नदी व सड़क मार्गो से दक्षिणपूर्व बांग्लादेश पहुंच रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य में करीब 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वास्तविक आंकड़ा ज्यादा बड़ा हो सकता है और मानवाधिकार संगठनों ने सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने व दूसरे मानवाधिकारों के उल्लंघन की सूचना दी है. संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य हमले की कड़ी आलोचना की है. संयुक्त राष्ट्र ने 1.8 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आग्रह किया है, ताकि बांग्लादेश व दूसरे मानवाधिकार संगठनों को मानवीय आपात सहायता मुहैया कराई जाए.

(इनपुट एजंसी से भी)

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