ट्रंप ने कमांडर-इन चीफ के तौर पर 21 अगस्त को अपने पहले प्राइम टाइम टीवी संबोधन में अमेरिका की सबसे लंबी जंग को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान से जल्दबाजी में सैनिकों की वापसी किए जाने की बात को खारिज किया था.
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संयुक्त राष्ट्र: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान के लिए अपनी सैन्य रणनीति का खुलासा किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उम्मीद जताई है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय साथ आकर युद्ध से जर्जर इस देश को राजनीति समाधान तलाशने में मदद करेगा. ट्रंप ने कमांडर-इन चीफ के तौर पर सोमवार (21 अगस्त) को अपने पहले प्राइम टाइम टीवी संबोधन में अमेरिका की सबसे लंबी जंग को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान से जल्दबाजी में सैनिकों की वापसी किए जाने की बात को खारिज किया था.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण पर ... हम जिस बात पर जोर देना चाहते हैं वह है हमारी उम्मीद कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय साथ आकर अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान तलाशने में मदद करेगा जो देश में अमन लेकर आएगा. उन्होंने कहा कि यह जाहिर तौर पर संयुक्त राष्ट्र और वहां संयुक्त राष्ट्र मिशन की सहायता और प्रयासों के माध्यम से होगा.
दुजारिक उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या महासचिव अफगानिस्तान पर ट्रंप के भाषण पर कोई टिप्पणी करेंगे. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का फोकस अफगानिस्तान में मौजूदा संकट का राजनीति समाधान तलाशने और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने पर है जो दशकों से इससे जूझ रहे हैं.
'अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए कोई टाइम टेबल नहीं'
अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्तान से बलों की वापसी के लिए कोई समय सारिणी नहीं है. इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका युद्ध ग्रस्त देश में एक ‘सम्मानजनक एवं स्थायी’ परिणाम तक पहुंचने की कोशिश करेगा. ट्रंप ने कहा कि विदेश नीति संबंधी सभी निर्णयों में उनका प्रशासन अमेरिकियों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखेगा. अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया के बारे में ट्रंप ने अपनी नीति की घोषणा करते हुए अमेरिकी बलों की जल्दबाजी में वापसी से इनकार किया था.
उन्होंने नेवादा के रेनो में एक अमेरिकी लीजन सम्मेलन में पूर्व सैन्य कर्मियों से कहा, ‘हम अफगानिस्तान में एक सम्मानजनक एवं स्थायी परिणाम हासिल करने की कोशिश करेंगे, जो हमारे बलों द्वारा दिए गए बलिदान के अनुकूल हो. हम हमारे जवानों को वे उपकरण मुहैया कराएंगे जिनकी उन्हें आवश्यकता है. हम उन पर वह भरोसा करेंगे जो उन्होंने लड़ने एवं जीतने के लिए हासिल किया है.’ इससे कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि यह निर्णय लिया गया है कि अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीति में नाटकीय बदलाव आएगा और अमेरिकी बल ‘जीतने के लिए लड़ेंगे’.
ट्रंप ने कमांडर इन चीफ के रूप में पहली बार प्राइम टाइम में टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने के लिए कड़ी चेतावनी दी थी और अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए भारत से और योगदान देने की अपील की थी. इस बीच, व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान से बलों की वापसी के लिए कोई समय सारिणी नहीं है.