ब्रिटेन में नर्व एजेंट हमले को लेकर अमेरिका रूस पर लगाएगा प्रतिबंध
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ब्रिटेन में नर्व एजेंट हमले को लेकर अमेरिका रूस पर लगाएगा प्रतिबंध

वॉशिंगटन पोस्ट ने विदेश मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया ने बताया कि इन प्रतिबंधों का रूस के साथ व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. 

फाइल फोटो

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने आज कहा है कि वह ब्रिटेन में एक पूर्व जासूस और उनकी बेटी की हत्या के प्रयास में नर्व एजेंट से हमले में रूस की संलिप्तता को लेकर ऊसपर नए प्रतिबंध लगाएगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये प्रतिबंध ‘‘मार्च में ब्रिटेन के नागरिक और डबल एजेंट सर्गेई स्क्रीपाल एवं उनकी बेटी की हत्या के प्रयास के लिए ‘नोविचोक’ नर्वएजेंट के प्रयोग को लेकर” लगाए जा रहे हैं.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक बयान में कहा कि अमेरिका ने यह माना है कि रूसी सरकार ने “अपने ही नागरिकों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए जानलेवा रसायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल किया”. उन्होंने बताया कि ये नए प्रतिबंध कांग्रेस की अधिसूचना की 15 दिवसीय अवधि पूरी होने के बाद प्रभावी होंगे.

वॉशिंगटन पोस्ट ने विदेश मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया ने बताया कि इन प्रतिबंधों का रूस के साथ व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इन प्रतिबंधों के तहत लाइसेंस देने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसी कुछ अमेरिकी वस्तुओं को भेजने पर रोक लगाई जाएगी. इस बीच रूस ने ब्रिटेन के उस आरोप का खारिज कर दिया है कि घातक नर्व एजेंट हमले में उसका कोई हाथ है.

गौरतलब है कि सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को मार्च में नर्व एजेंट के हमले के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यूलिया को अप्रैल में अस्पताल से छुट्टी दी गई जबकि उनके पिता को मई में डिस्चार्ज किया गया.

अमेरिकी विदेश विभाग ने 1991 के कानून के तहत प्रथम दौर के प्रतिबंधों से बुधवार को कांग्रेस को वाकिफ कराया. यदि रूस इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाता तो रूस पर दूसरे दौर के और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे. पहले दौर के प्रतिबंधों में अमेरिका से रूस निर्यात किए जाने वाले सैन्य उपकरणों और सामग्रियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उपस्थाई प्रतिनिधि दमित्री पोलीनस्काइ ने बउधवार को इन प्रतिबंधों को खारिज किया.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "बेतुकी चीजें जारी हैं. कोई साक्ष्य नहीं हैं, कोई सुराग नहीं हैं, कोई तर्क नहीं है सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं. सिर्फ एक ही नियम है कि हर चीज के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराओ. फिर चाहे, जितनी भद्दी और बेतुकी क्यों न हो. चलो, अमेरिका के संयुक्त प्रतिंबध का स्वागत करें." ब्रिटेन ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है.

(इनपुटः एजेंसी)

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