इजरायल, UAE और बहरीन के बीच हुआ Abraham Accords, UNSC में भारत ने की तारीफ
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इजरायल, UAE और बहरीन के बीच हुआ Abraham Accords, UNSC में भारत ने की तारीफ

यूएन और अरब लीग (Arab States) के बीच सहयोग बहाली को लेकर हुई बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय दूत ने फिलिस्तीन और आस-पास की चुनौतियों के साथ टू स्टेट सॉल्युशन का जिक्र किया. भारतीय अधिकारी ने कहा कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बातचीत से ही स्थाई समाधान ढूंढा जा सकता है.

शांति बहाली की दिशा में हुए अब्राहम समझौते को भारत ने प्रभावी समाधान बताया है...

नई दिल्ली: अमेरिका (USA) की पहल पर पश्चिम एशिया (West Asia) में दशकों बाद शांति बहाली की उम्मीद जगी है. भारत (India) ने हाल ही में इजरायल (Israel) और अरब देशों के बीच हुए अब्राहम समझौते (Abraham Accords) का स्वागत किया है.  संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (Indian envoy TS Tirumurti) ने क्षेत्रीय हितों की बहाली को लेकर हुए फैसले को सकारात्मक कदम करार दिया है.  

  1. इजरायल, UAE और बहरीन के बीच हुआ समझौता
  2. अब्राहम समझौते से मध्य एशिया में शांति की उम्मीद
  3. भारत ने UNSC में की Arab League की तारीफ

संयुक्त राष्ट्र में तारीफ

पश्चिम एशिया के कई देशों ने Israel के साथ संबंध बहाल करने को लेकर जो समझौता किया, उसकी जमकर तारीफ हो रही है. सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक को  संबोधित करते हुए भारतीय अधिकारी ने कहा, 'हम इजरायल और क्षेत्र के कुछ देशों के बीच संबंधों के सामान्यीकरण प्रकिया का स्वागत करते हैं. हमें विश्वास है कि ये शांति और स्थिरता में योगदान देगा.' बताते चलें कि पिछले साल हुए समझौते में UAE और बहरीन ने इजराइल के साथ रिश्तों की बहाली को मंजूरी दी थी.

दो दशक बाद बड़ा डेवलपमेंट

ताजा घटनाक्रम करीब बीस साल बाद सामने आया है. इससे पहले 1994 में जॉर्डन और 1979 में इजिप्ट ने इजरायल के साथ संबंध बहाल किए थे. इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात लंबे समय से आपस में सहयोग करते रहे हैं. दोनों ही देशों के बीच कई सालों से तमाम विषयों पर राजनीतिक चर्चा होती आ रही थीं. 2018 में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू (Benjamin Netanyahu) ने ओमान (Oman) का दौरा किया था. माना जाता है कि दोनों देशों को करीब लाने में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद चीफ योसी कोहेन ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

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फिलिस्तीन का मसला उठा

यूएन और अरब लीग (Arab States) के बीच सहयोग बहाली को लेकर हुई बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय दूत ने फिलिस्तीन और आस-पास की चुनौतियों के साथ टू स्टेट सॉल्युशन का जिक्र किया. भारतीय अधिकारी ने कहा कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बातचीत से ही स्थाई समाधान ढूंढा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'अरब लीग के सदस्य देश सही दिशा में सहयोग कर रहे हैं.' संबोधन में भारत ने सीरिया, लीबिया या यमन जैसे देशों में चल रहे संघर्षों पर भी बात की. राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'इन देशों में जारी संघर्षों की वजह से लाखों लोग गरीबी, हिंसा और विस्थापन, और भुखमरी का शिकार है. सबसे दुखद बात ये कि इस संकट की वजह से महिलाएं और बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं'. 

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अरब देशों के साथ रिश्ते महत्वपूर्ण

अरब लीग के साथ भारत के संबंधों पर, उन्होंने कहा कि नई दिल्ली 'आतंकवाद और अन्य चुनौतियों का मुकाबला करने अरब देशों के साथ काम करेगी. इस दौरान सहिष्णुता और बहुलतावादी परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर फोकस रहेगा. 

एक सरकारी अनुमान के मुताबिक करीब 90 लाख भारतीय अरब देशों में रहते हैं. जो वहां सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं. अरब दुनिया से जुड़े भारतीय हर साल अपने देश के लिए करीब 48 बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं. 

क्या है अब्राहम समझौता

पिछले साल हुए अब्राहम समझौते के दौरान अमेरिका ने निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूद थे. उन्होंने समझौते को पश्चिम एशिया के लिए नया सवेरा करार दिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा, हम यहां इतिहास को बदलने के लिए जुटे हैं. तब यूएई की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद और बहरीन की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ अल जयानी मौजूद थे. इस समझौते के तहत इन देशों ने इजरायल के साथ संबंध बहाली पर जोर दिया था. क्षेत्रीय हितों के लिए साथ काम करने पर सहमति जताई गई थी.

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