'बेनजीर ने रेप कल्‍चर को बढ़ावा दिया', US ब्लॉगर के इस आरोप के बाद PAK पुलिस ने क्या किया
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'बेनजीर ने रेप कल्‍चर को बढ़ावा दिया', US ब्लॉगर के इस आरोप के बाद PAK पुलिस ने क्या किया

पाकिस्‍तान अपने देश के पूर्व प्रमुखों (Pak Farmer PM) का कितना सम्‍मान करता है, यह जानने के लिए यह एक वाकया काफी है.

बेनजीर भुट्टो (पिंटरेस्‍ट)

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान अपने देश के पूर्व प्रमुखों (Pak Farmer PM) का कितना सम्‍मान करता है, यह जानने के लिए यह एक वाकया काफी है. यहां की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के खिलाफ अमेरिकी ब्‍लॉगर ने ट्वीट किया लेकिन पाक पुलिस ने (Pakistani Police) ब्‍लॉगर के खिलाफ मामला तक दर्ज करने से इंकार कर दिया.

  1. अमेरिकी ब्‍लॉगर ने भुट्टो के खिलाफ ट्वीट किया 
  2. इस्लामाबाद पुलिस ने मामला तक दर्ज करने से इनकार किया 
  3. कहा यह साइबर क्राइम का मामला था 
  4.  

इस्लामाबाद पुलिस ने यह तर्क देते हुए मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया है कि यह साइबर क्राइम का मामला था और इससे निपटने के लिए केवल संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ही अधिकृत थी.

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याचिकाकर्ता वकास अहमद अब्बासी ने पिछले हफ्ते सिंथिया डी रिची (Cynthia D Ritchie) के खिलाफ एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें सोशल मीडिया पर पूर्व प्रमुख बेनज़ीर पर दुर्भावना रखने का आरोप लगाया गया था. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि जांच के बाद यह पाया गया कि इस मामले की एफआईए (FIA) द्वारा जांच करने की आवश्यकता है, लिहाजा हम मामला दर्ज नहीं करेंगे. 

जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) इस्लामाबाद के अध्यक्ष शकील अब्बासी ने भुट्टो के खिलाफ एक निंदनीय ट्वीट करने के लिए रिची के खिलाफ शिकायत करते हुए पहले ही एफआईए से संपर्क किया था लेकिन उसने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था.

यानि कि इस देश की एजेंसियां अपने ही देश की पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ किए गए ट्वीट पर मामला दर्ज करने में टालामटोली कर रही हैं. 

एफआईए ने 9 जून को इस्लामाबाद सत्र अदालत से कहा कि रिची के खिलाफ याचिका को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि याचिकाकर्ता शकील अब्बासी एक प्रभावित पार्टी नहीं थे.

रिची ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया है कि बेनजीर ने रेप कल्‍चर को बढ़ावा दिया. इसके बाद एफआईए ने अदालत को अपनी लिखित प्रतिक्रिया में तर्क दिया कि उसके नियमों के अनुसार, केवल पीड़ित पक्ष - लक्षित पीड़ित या उनके अभिभावक ही एजेंसी को ऐसी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

हालांकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अत्ता रब्बानी ने रिची को नोटिस जारी कर 13 जून तक उसकी प्रतिक्रिया मांगी है.

इस बीच, रिची और पीपीपी नेताओं के बीच लड़ाई उनके आपत्तिजनक ट्वीट्स के बाद और बढ़ गई है. रिची ने पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी पर भी आरोप लगाए हैं. 

10 जून को पूर्व प्रधानमंत्री ने सिंथिया को एक कानूनी नोटिस भेजा था जिसमें मानहानि के हर्जाने के तौर पर 100 मिलियन यानि कि 10 करोड़ रुपए की मांग की गई थी.

इससे अलग पूर्व आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने भी कहा कि वह रिची को कानूनी नोटिस देंगे. सिंथिया ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्‍होंने 2011 में उसके साथ बलात्कार किया था. 

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