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न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारों ने जिस प्रकार मुस्लिमों को पेश किया है- फिर भले ही संभावित आतंकवादियों के रूप में उनका चित्रण हो या सरकार के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में मदद करने वाले आंखों एवं कानों के रूप में उनका उल्लेख हो, उसे लेकर कई मुस्लिम अमेरिकी चिंतित हैं।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन एवं रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जिस प्रकार मुस्लिमों को पेश किया है, उससे मुसलमान चिंतित हैं और उनकी शिकायत है कि उन्हें एक छवि में कैद किया जा रहा है और अन्य मुद्दों पर उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
एक राजनीतिक विश्लेषक उमर बदर ने कहा, ‘अरब अमेरिकियों एवं अमेरिकी मुस्लिमों को लेकर कुछ स्तर की उदासीनता है जिसकी वजह से उम्मीदवार हमारे बारे में बात करते हैं लेकिन वास्तव में हमसे बात नहीं करते।’ न्यूयार्क सिटी के योंकर्स उपनगर के एक वकील चौमतोली हक ने कहा, ‘हम उन मुद्दों पर बात करने में सक्षम नहीं है, जो नागरिकों के तौर पर हमें प्रभावित करते हैं, जैसे कि शिक्षा, नौकरियां और ऐसी चीजें जिनकी अन्य मतदाता बात करते हैं।’’ हक और अन्यों ने कहा कि ट्रंप की प्रचार मुहिम स्पष्ट रूप से अधिक नकारात्मक रही है। उन्होंने अपनी मुहिम की शुरूआत में एक आतंकवाद विरोधी कदम उठाने के तौर पर अमेरिका में विदेशी मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील की थी।
हिलेरी भी अमेरिकी मुसलमानों की निंदा से बच नहीं सकीं। अमेरिकी मुस्लिमों ने कहा कि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के सार्वजनिक बयान मुख्य रूप से इस बात को पहचानने के इर्द गिर्द घूमते हैं कि मुसलमान आतंकवाद विरोधी प्रयासों को समर्थन देने के लिए क्या कर सकते हैं।