US Presidential Election: 7 राज्यों में कांटे की टक्कर, एरिजोना में ट्रंप आगे, US के 'स्विंग स्टेट्स' किसका बिगाड़ेंगे खेल?
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US Presidential Election: 7 राज्यों में कांटे की टक्कर, एरिजोना में ट्रंप आगे, US के 'स्विंग स्टेट्स' किसका बिगाड़ेंगे खेल?

US Election News: न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना के फाइनल सर्वे में डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सभी स्विंग राज्यों में रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत कम अंतर से आगे चल रही हैं या लगभग बराबरी पर हैं. अपवाद एरिजोना है, जहां ट्रंप कुछ प्रतिशत अंकों से आगे हैं. 

US Presidential Election: 7 राज्यों में कांटे की टक्कर, एरिजोना में ट्रंप आगे, US के 'स्विंग स्टेट्स' किसका बिगाड़ेंगे खेल?

US Presidential Election 2024: अमेरिका में मंगलवार यानी 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे. लेकिन दुनिया के सबसे ताकतवर नेता की कुर्सी किसे मिलेगी इसे लेकर हर कोई चर्चा कर रहा है. पूरे देश में और नतीजों को प्रभावित करने के लिहाज से अहम सभी राज्यों (स्विंग स्टेट) -औद्योगिक मध्यपश्चिम में पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन; पश्चिम में नेवादा और एरिजोना; और दक्षिण में जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलिना - में मतदान में मुकाबला असाधारण रूप से कांटे का है. 

न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना के फाइनल सर्वे में डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सभी स्विंग राज्यों में रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत कम अंतर से आगे चल रही हैं या लगभग बराबरी पर हैं. अपवाद एरिजोना है, जहां ट्रंप कुछ प्रतिशत अंकों से आगे हैं. 

जीत के लिहाज से हालांकि कोई स्पष्ट पसंद अभी नजर नहीं आ रही, लेकिन कई जरूरी फैक्टर्स हैं जो चुनाव के दिन मतदाताओं के फैसले को प्रभावित करेंगे. लेकिन कुछ बातों पर नजर रखनी जरूरी है. 

ट्रंप के खिलाफ रिपब्लिकन

राष्ट्रव्यापी मतदान में ट्रंप की लोकप्रियता 43 प्रतिशत के आसपास अटकी हुई है. पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में, उन्हें राष्ट्रीय लोकप्रिय वोट का 50 प्रतिशत हिस्सा नहीं मिल पाया था. राष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने कभी 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं किये और पद छोड़ने के बाद से भी वे कभी भी 50 प्रतिशत (मत) से ऊपर नहीं गए. 

इसका मतलब यह है कि उनके समर्थन की सीमा खत्म हो गई है और मंगलवार को नेशनल लेवल पर लोकप्रिय वोट जीतने की उनकी संभावना बहुत कम है. यह रिपब्लिकन प्राइमरी के नामांकन में भी नजर आया. उन्होंने फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसेंटिस, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली और कई अन्य को हराया लेकिन इनमें से अधिकतर प्राइमरी में 15-20 प्रतिशत रिपब्लिकन ने ट्रंप के लिए मतदान नहीं किया. ऐसे में हो सकता है कि मंगलवार को होने वाले चुनाव में कई रिपब्लिकन ट्रंप के लिये वोट करने के लिये न पहुंचें. 

अन्य लोग अपना समर्थन हैरिस को देंगे. वास्तव में, एक पार्टी के सदस्यों की ओर से दूसरे पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए समर्थकों में इतनी वृद्धि पहले कभी नहीं हुई थी. उनकी अनुकूलता रेटिंग ट्रंप से ज्यादा है, जो लगभग 46 प्रतिशत है. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार 50 प्रतिशत अनुमोदन रेटिंग के जितना करीब होगा, चुनाव जीतने की उसकी संभावना उतनी ही बेहतर होगी. 

खराब अर्थव्यवस्था 

यह वह समय है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि देश का मूड भी खराब है. चुनावों में एक सवाल पूछा जाता है : क्या देश सही रास्ते पर है या गलत दिशा में जा रहा है? 60-70 प्रतिशत अमेरिकियों का मानना ​​है कि देश गलत रास्ते पर है. यह इस बात का संकेत है कि यह चुनाव बदलाव के बारे में है. ऐतिहासिक रूप से, यह भावना व्हाइट हाउस में बैठे व्यक्ति के पक्ष में नहीं रही है. बाइडन के उपराष्ट्रपति के रूप में, हैरिस सीधे इस प्रतिकूल परिस्थिति का सामना कर रही हैं. 

इस चुनाव के चार अहम मुद्दे क्या हैं?

सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है आम आदमी की जेब का मुद्दा: घरेलू बजट, जीवन-यापन की बढ़ती लागत और भविष्य में आर्थिक सुरक्षा को लेकर मतदाताओं की चिंताएं. घर खर्च से लेकर ईंधन के दामों तक में पिछले चार वर्षों के दौरान वृद्धि हुई है. 

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर ‘स्विंग’ राज्यों के मतदाता मानते हैं कि ट्रंप इस मुद्दे से निपटने में ज्यादा बेहतर हैं और उन्हें इस पर करीब 15 प्रतिशत की बढ़त है. आव्रजन एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है. मतदाता मानते हैं कि आव्रजकों के मुद्दों से निपटने के लिये ट्रंप सबसे उपयुक्त हैं. महिला समर्थकों की वृद्धि गर्भपात अधिकार और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं तीसरा प्रमुख मुद्दा है.

 अमेरिका भर में अनेक महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से स्तब्ध हैं, जिसमें गर्भपात के उनके लंबे समय से चले आ रहे संवैधानिक अधिकार को छीन लिया गया है. अब इस पर नीतियों का निर्धारण राज्य स्तर पर हो रहा है. हैरिस को इन मुद्दों की ‘चैंपियन’ के रूप में देखा जाता है. 

कई सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मतदाता प्रजनन अधिकारों के मामले में ट्रंप की तुलना में उन पर अधिक भरोसा करते हैं, वह भी बड़े अंतर से. अमेरिकी लोकतंत्र का भविष्य अमेरिकी लोकतंत्र का भविष्य मतदाताओं के सामने चौथा प्रमुख मुद्दा है. एक नये सर्वेक्षण में आधे से ज्यादा मतदाता ट्रंप को अमेरिकी लोकतंत्र के लिये खतरे के तौर पर देखते हैं.

 हैरिस ने बाजी पलटने, विभाजन को दूर करने और रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को फिर से एक साथ काम करने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया है. 

तो जीतने कौन जा रहा है? 

ट्रंप की टीम को सभी सर्वेक्षणों में जीत मिलती दिख रही है. हैरिस के अभियान ने वीकेंड में यह भी संकेत दिया कि देर से निर्णय लेने वाले मतदाता, और विशेष रूप से महिलाएं, दोहरे अंकों के अंतर से उनका रास्ता बना रही हैं. डेमोक्रेट्स के बीच यह भावना है कि अभियान के समापन के साथ हैरिस (की लोकप्रियता) अब चरम पर हैं. 

अगर हैरिस जीतती हैं, तो ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उन्होंने मतदाताओं के साथ समझौता सफलतापूर्वक कर लिया है और चुनाव को ट्रंप के लिए जनमत संग्रह बना दिया है - कुल मिलाकर आठ वर्षों के बाद देश उनसे तंग आ चुका है. अगर ट्रंप जीतते हैं, तो इसका अर्थ यह होगा कि मतदाताओं ने मुद्रास्फीति और घरेलू जीवन-यापन की लागत को नियंत्रित करने के लिए उन पर भरोसा किया है, साथ ही वे अनियंत्रित आव्रजन और अपराध को भी नियंत्रित करने में (उनके दावों पर) विश्वास करते हैं.

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