तनाव के बीच बोले रेक्स टिलरसन, अमेरिका बिना शर्त उत्तर कोरिया से बातचीत को तैयार
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तनाव के बीच बोले रेक्स टिलरसन, अमेरिका बिना शर्त उत्तर कोरिया से बातचीत को तैयार

अमेरिका ने उत्तर कोरिया को यह पेशकश ऐसे समय की है जब उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने वाले कई प्रतिबंध उत्तर कोरिया पर लगे हुए हैं और दो सप्ताह पहले ही इस देश ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया है.

अटलांटिक काउंसिल कोरिया फाउंडेशन फोरम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोलते अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन. (Reuters/13 Dec, 2017)

वॉशिंगटन: उत्तर कोरिया को दुनिया का सबसे मजबूत परमाणु शक्ति वाला देश बनाने की किम जोंग-उन की घोषणा के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा है कि अमेरिका परमाणु नि:शस्त्रीकरण मुद्दे पर बिना पूर्व शर्त के उत्तर कोरिया के साथ वार्ता शुरू करने को तैयार है. अमेरिका ने उत्तर कोरिया को यह पेशकश ऐसे समय की है जब उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने वाले कई प्रतिबंध उत्तर कोरिया पर लगे हुए हैं और दो सप्ताह पहले ही इस देश ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया है.

  1. उत्तर कोरिया ने 29 नवंबर को द्विस्तरीय तरल ईंधन वाले मिसाइल का परीक्षण किया था. 
  2. यह मिसाइल 13 हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है.
  3. यह मिसाइल उत्तर कोरिया के पहले के आईसीबीएम, द ह्वासोंग-14 से बड़ा है.

इस पेशकश से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि टिलरसन के पहले वाले रुख में अंतर आया है क्योंकि टिलरसन ने एक बार कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया के साथ कोई मोल-तोल नहीं करेगा और वार्ता तभी संभव है जब किम-जोंग उन सरकार परमाणु नि:शस्त्रीकरण के लिए तैयार हो. टिलरसन ने कहा, ' हमने इसे कूटनीतिक तौर पर कहा है कि अगर उत्तर कोरिया बातचीत को तैयार होता है तो हम कभी भी बातचीत को तैयार हैं. हम पहली वार्ता बिना किसी पूर्व शर्त के करने को तैयार हैं.'

टिलरसन अटलांटिक काउंसिल कोरिया फाउंडेशन फोरम की ओर से आयोजित 'मीटिंग द फॉरेन पॉलिसी चैलेंजेज ऑफ 2017 एंड बियॉन्ड' कार्यक्रम में बोल रहे थे. यह पेशकश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी से ठीक उलट है. राष्ट्रपति ने कहा था कि बातचीत विफल हो चुकी है और टिलरसन अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. टिलरसन ने कहा है कि उत्तर कोरिया से यह मांग करना कि वह बातचीत शुरू करने से पहले अपने हथियार छोड़ दे, यह मांग व्यवहार्य नहीं है.

अमेरिका के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन अपने देश को दुनिया की सबसे मजबूत परमाणु शक्ति बनाने की कसमें खा रहे हैं. हालांकि व्हाइट हाउस ने तत्काल यह कहा है कि उत्तर कोरिया को लेकर राष्ट्रपति के विचार में कोई बदलाव नहीं आया है.

तानाशाह किम जोंग उन ने खाई नॉर्थ कोरिया को ‘सबसे शक्तिशाली परमाणु ताकत’ बनाने की कसम

वहीं दूसरी ओर किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया को 'विश्व का सबसे शक्तिशाली परमाणु ताकत' बनाने का प्रण लिया है. सरकार की मीडिया के हवाले से बुधवार (13 दिसंबर) को यह जानकारी दी गई. इसी के साथ उत्तर कोरिया ने संकेत दे दिए हैं कि वह विश्व के लिए खतरा बने अपने हथियार कार्यक्रमों पर लगाम लगाने के लिए कतई तैयार नहीं है. उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षणों की झड़ी लगाकर और अब तक अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए परेशानी खड़ी कर दी है.इसका पूरा प्रयास अमेरिका पर हमला कर सकने में सक्षम मुखास्त्र तैयार करने का है.

सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक नए मिसाइल परीक्षण को सफल बनाने वाले कर्मियों से किम ने कहा कि उनका देश 'विजयी तरीके से आगे बढ़ेगा और विश्व की सबसे शक्तिशाली परमाणु ताकत और सैन्य ताकत बनेगा.' 
किम की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक ताकतें इस संकट का हल निकालने के लिए संघर्ष कर रही है. अमेरिका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए किम प्रशासन पर कड़े आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगा चुका है. लेकिन उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण अब भी जारी हैं. ये परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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