Experiment: साइंस का कमाल, मरी हुई मकड़ियों को कर दिया 'जिंदा', पैरों से उठा दी अपने से कई गुना भारी चीज!
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Experiment: साइंस का कमाल, मरी हुई मकड़ियों को कर दिया 'जिंदा', पैरों से उठा दी अपने से कई गुना भारी चीज!

Trending News: संयुक्त राज्य अमेरिका में राइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एडवांस साइंस पत्रिका में हाल ही में अपने एक एक्सपेरिमेंट की रिपोर्ट जारी की है. इसमें दिखाया है कि कैसे उनकी टीम ने मृत मकड़ियों के शरीर को पैरों में हवा भर के इस लायक बना दिया कि वे घूम सकें. 

स्पाइडर पर टेस्ट करते वैज्ञानिक

Latest Science News: साइंस की दुनिया भी किसी रहस्य से कम नहीं है. वैज्ञानिक ऐसे ऐसे एक्सपेरिमेंट व खोजें करते रहते हैं जो पूरी दुनिया को हैरानी में डाल देते हैं. वैज्ञानिकों ने ऐसी-ऐसी चीजें भी बना ली हैं जो पहले सिर्फ नेचर तक ही सीमित थीं, जैसे – सूरज, चांद या रोबोट जो इंसान की तरह ही काम करता है, लेकिन अभी तक किसी भी इंसान या जीव-जंतुओं में जीवन देना विज्ञान की पहुंच से दूर है, लेकिन हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रिसर्च किया है जिससे कहा जा सकता है कि वह किसी मृत जीव को जिंदा करने के काफी करीब पहुंच चुके हैं. चलिए आपको बताते हैं इस अनोखे रिसर्च के बारे में.

लिए जा सकते हैं कई तरह के काम

संयुक्त राज्य अमेरिका में राइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एडवांस साइंस पत्रिका में अपने इस एक्सपेरिमेंट की एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें दिखाया है कि कैसे उनकी टीम ने मृत मकड़ियों के शरीर को पैरों में हवा भर के इस लायक बना दिया कि वे अपने पैरों को फैलाने और उससे चीजों को उठाने में सक्षम थे. कुल मिलाकर यह उन्हें जिंदा करने जैसी स्थिति ही थी. इस आविष्कार का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि कीड़ों को पकड़ना या यहां तक ​​कि माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक को एक साथ रखने में.

राइस यूनिवर्सिटी की टीम ने किया रिसर्च

साइंस अलर्ट के अनुसार, रिसर्चर्स ने इस खोज को "नेक्रोबोटिक्स" के रूप में बताया है. राइस यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग प्रोफेसर डैनियल प्रेस्टन ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि, "मकड़ी मरने के बाद छोटे पैमाने पर, स्वाभाविक रूप से प्राप्त ग्रिपर के लिए एकदम सही आर्किटेक्चर है." टीम ने ये भी समझाया कि कैसे मकड़ियां मांसपेशियों का उपयोग करने वाले लोगों और अन्य स्तनधारियों के विपरीत अपने अंगों को हिलाने के लिए हाइड्रोलिक्स का उपयोग करती हैं. उनके सिर के पास एक कक्ष अंगों को रक्त भेजने के लिए सिकुड़ता है, जिससे उन्हें अपने अंगों को फैलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इससे उसके पैर सिकुड़ जाते हैं.

वैज्ञानिकों ने अपनाया यह तरीका

शोधकर्ताओं ने हाइड्रोलिक सिस्टम में हेरफेर करने का एक तरीका निकाला. उन्होंने मकड़ी के प्रोसोमा कक्ष में एक सुई डाली और सुपर गोंद की मदद से सुई की नोक के चारों ओर एक सील बनाई। फिर, उन्होंने सिरिंज के माध्यम से थोड़ी सी हवा पास की. इससे मकड़ी के पैर सक्रिय हो गए. वे एक सेकंड से भी कम समय में रफ्तार पाने में सक्षम थे. इस परीक्षण से पता चला कि मृत मकड़ियां अपने शरीर के वजन का 130% से अधिक भार इस तकनीक से उठा सकती हैं. टीम ने नोट किया कि छोटी मकड़ियाँ अपने आकार की तुलना में भारी भार ढोती हैं, जबकि इससे उलट बड़ी मकड़ी अपने शरीर के वजन की तुलना में छोटा भार उठा सकती है.

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