Trending Photos
वॉशिंगटन: अपनी अजीब हरकतों और बयानों के लिए अक्सर विवादों में रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने फिर कुछ ऐसा कह दिया है, जो रूस और चीन (Russia & China) को शायद ही पसंद आए. ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) पर एक सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका को एफ-22 लड़ाकू विमानों (F-22 Fighter Jets) पर चीनी झंडा लगाकर रूस पर बम गिरा देना चाहिए.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इससे पहले दावा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला (Russia Ukraine War) नहीं करता. उन्होंने यहां तक कहा था कि बाइडेन और नाटो (NATO) मूर्खों की तरह काम कर रहे हैं. इस दौरान ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करते हुए उन्हें एक स्मार्ट राजनेता करार दिया था.
ये भी पढ़ें -जंग के बीच पुतिन के बारे में आई चौंकाने वाली जानकारी, इस गंभीर बीमारी से हैं पीड़ित!
CBS न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के शीर्ष दानदाताओं के सामने बोलते हुए कहा कि अमेरिका को एफ-22 लड़ाकू विमानों पर चीनी झंडा लगाना चाहिए और रूस को बम से उड़ा देना चाहिए. फिर हम कह सकते हैं कि ये हमला चीन ने किया है. इसके बाद वे एक-दूसरे से लड़ने लगते, और हम वापस बैठकर उन्हें देखते. बैठक के दौरान जैसे ही ट्रंप ने यह बात कही, वहां मौजूद सभी लोग हंसने और ताली बजाने लगे.
ट्रंप ने नाटो को कागजी शेर बताते हुए कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि आखिर किस मौके पर ये देश कहते हैं कि हम अब मानवता के खिलाफ इस बड़े अपराध को नहीं होने दे सकते? ट्रंप ने यह भी कहा कि जो बाइडेन को यह कहना बंद करना चाहिए कि हम रूस पर कभी भी हमला नहीं करेंगे, क्योंकि वे एक परमाणु शक्ति है. गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी व्लादिमीर पुतिन की खूब तारीफ की है. उन्होंने यह भी दावा किया था कि रूसी नेता पुतिन जो बाइडेन को ढोल की तरह बजा रहे हैं. पुतिन बेशक स्मार्ट हैं, लेकिन असली समस्या यह है कि हमारे नेता मूर्ख हैं.
माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव फिर से लड़ेंगे. उन्होंने कई मौकों पर अपनी इस इच्छा को जाहिर भी किया है. खुद रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसद ट्रंप को अगले राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार मान चुके हैं. इसलिए ट्रंप यूक्रेन मुद्दे पर सरकार को कमजोर दिखाकर और यह दर्शाकर कि अगर वो होते, तो ऐसा नहीं होता, अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे भी इस बात की पूरी संभावना है कि जो बाइडेन अपने गिरते स्वास्थ्य के कारण अगला चुनाव न लड़ें.