व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि चाहे कितनी भी जटिल समस्या, जैसे सीरिया, लीबिया, कोरियाई प्रायद्वीप या यूक्रेन की, इसे अलग-थलग करने के बजाए सुलझाना चाहिए."
Trending Photos
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को कहा कि रूस कोरियाई परमाणु मुद्दे समेत सभी विवादों का निपटारा सभ्य तरीके से तलाशने का हमेशा पक्षधर रहा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने रूसी थिंकटैंक वाल्दाई डिस्कशन क्लब की यहां हुई बैठक में कहा कि उत्तर कोरिया को अलग-थलग करना या धमकाना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि रूस प्योंगयांग के परमाणु परीक्षण की निंदा करता है और उसपर लगे संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध का पालन करता है लेकिन कोई उत्तर कोरिया को पसंद करे या न करे, वह एक संप्रभु देश है. उन्होंने कहा, "हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि चाहे कितनी भी जटिल समस्या, जैसे सीरिया, लीबिया, कोरियाई प्रायद्वीप या यूक्रेन की, इसे अलग-थलग करने के बजाए सुलझाना चाहिए."
व्हाइट हाउस ने कहा, उत्तर कोरिया पर दबाव डालता रहेगा अमेरिका; ट्रंप ने खुले रखे हैं 'सारे विकल्प'
इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया पर अधिकतम आर्थिक और कूटनीतिक दबाव डालना जारी रखेगा, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘सभी विकल्प खुले होने’ की अपनी नीति पर कायम हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा ट्रंप के पास एक अतुलनीय टीम है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसने गठबंधन सहयोगियों और दुश्मनों का सामना करके शानदार सफलतायें हासिल की हैं. उन्होंने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को कहा, ‘हम उसे करते रहने जा रहे हैं और हम उसे एक टीम के तौर पर करते रहने जा रहे हैं जिसका नेतृत्व राष्ट्रपति कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम उत्तर कोरिया जैसे देशों पर अधिकतम आर्थिक और कूटनीतिक दबाव डालते रहेंगे. हम ऐसा करते रहना जारी रखेंगे लेकिन इसके साथ ही राष्ट्रपति अपने सभी विकल्प खुले रखने जा रहे हैं. हमारी स्थिति नहीं बदली है. यह बेहद तर्कसंगत है.’
वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को परमाणु हथियारों से जापान को नष्ट करने की चेतावनी दी थी. उत्तर कोरिया पर अधिक दबाव डालने के लिए वार्ता का विकल्प खारिज करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को रजामंद करने के जापान के प्रयासों के मद्देनजर प्योंगयांग ने यह धमकी दी थी. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) द्वारा जारी आलेख में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन पर प्रतिक्रिया में यह बात कही थी. आबे ने अपने संबोधन में उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रमों को छोड़ने के लिए 'वार्ता नहीं दबाव' का रास्ता अपनाने की सलाह दी थी.