Doomsday Clock working: धरती पर दबाव और खतरे का अलर्ट देने वाली इस घड़ी को 1947 में तबाही से 7 मिनट पहले फिक्स किया गया था. लेकिन साल दर साल इसमें बदलाव होते गए.
Trending Photos
How Doomsday Clock work: अल्बर्ट आइंस्टाइन की घड़ी ने पूरी दुनिया को 90 सेकेंड का अल्टिमेटम दिया है. इसका नाम डूम्सडे क्लॉक है. ये घड़ी दुनिया की तबाही के बारे में बताती है, यानी वो समय जिसमें पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी. तीन साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब वैज्ञानिकों ने इस घड़ी के समय को 10 सेकंड और कम कर दिया है, यानी दुनिया अब कयामत से सिर्फ 90 सेकंड दूर है.
वर्ष 1947 में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक घड़ी को तैयार किया और इसे डूम्सडे क्लॉक नाम से पुकारा गया. इस घड़ी को दुनिया की तबाही के बारे में बताने के लिए तैयार किया गया था जो ये बताती है कि विश्व के लोग मिडनाइट यानी तबाही से कितनी दूर हैं.
कैसे काम करती है डूम्सडे घड़ी?
ये एक प्रतिकात्मक घड़ी है जिसे धरती पर होने वाले बदलावों के आधार और मानव गतिविधियों के कारण दुनिया की तबाही की संभावना को बताती है. इस घड़ी का निर्माण विश्व के उन खतरों को भांपने के लिए किया गया था जिनसे पूरा विश्व खत्म हो सकता है. इस घड़ी में 12 बजने का मतलब है कि अब दुनिया कभी भी खत्म हो सकती है.
बुलेटिन ऑफ द एटोमिक साइंटिस्ट्स नाम की संस्था इस घड़ी से जुड़ी है जो न्यूक्लियर अटैक, बायो कैमिकल हथियार, साइबर सुरक्षा और क्लाइमेट चेंज की निगरानी करती है. साथ ही ये दुनियाभर के देशों के प्रमुख नेताओं के बयान पर भी नजर रखती है. संभावित खतरे के आधार पर वैज्ञानिक इस घड़ी के समय को 12 बजने के और करीब कर देते हैं और जैसे खतरे को टालने के उपाय कर लिए जाते हैं, वो इस घड़ी के समय को दोबारा पीछे ले आते हैं.
घड़ी के हिसाब से सबसे अच्छा समय कब रहा?
ये संस्था साल भर में हुए बदलावों के आधार पर घड़ी को आगे या पीछे सेट करती है. धरती पर दबाव और खतरे का अलर्ट देने वाली इस घड़ी को 1947 में तबाही से 7 मिनट पहले फिक्स किया गया था. लेकिन साल दर साल इसमें बदलाव होते गए. शीतयुद्ध के खत्म होने पर 1991 में इस घड़ी को तबाही से 17 मिनट पहले फिक्स की गई जिसे अभी तक का सबसे शानदार समय माना जाता है.
क्यों तबाही के और करीब पहुंची दुनिया?
अब रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध, जलवायु परिवर्तन और परमाणु हमले के खतरे ने इस घड़ी को तबाही के और नजदीक ला दिया है. पिछले वर्ष ये घड़ी तबाही से 100 सेकेंड दूर थी लेकिन अब ये समय घट गया है और घड़ी तबाही के और करीब पहुंच गई है. ये तबाही से सिर्फ 90 सेकेंड दूर है. ये घड़ी दुनियाभर के देशों को शांति की ओर आगे बढ़ने की अपील करती है और साथ ही वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर तबाही की चेतावनी भी देती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस घड़ी में आधी रात को होने में जितना कम समय रहेगा, दुनिया में परमाणु युद्ध का संकट उतना ही गंभीर होता चला जाएगा.
भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं