Stockholm syndrome: कहां से आया 'स्टॉकहोम सिंड्रोम', बैंक डकैती से है खास कनेक्शन
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Stockholm syndrome: कहां से आया 'स्टॉकहोम सिंड्रोम', बैंक डकैती से है खास कनेक्शन

Stockholm Syndrome Meaning: स्टॉकहोम सिंड्रोम शब्द का संबंध 1973 की एक घटना से है. स्वीडेन में एक सजायाफ्ता शख्स ने बैंक में डकैती डाल चार कर्मचारियों को बंधक बना लिया था.आश्चर्य की बात ये कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बंधकों ने मदद लेने से इनकार कर दिया था

Stockholm syndrome: कहां से आया 'स्टॉकहोम सिंड्रोम', बैंक डकैती से है खास कनेक्शन

 Stockholm syndrome History: आप तरह तरह के सिंड्रोम के बारे में सुनते और जानते होंगे जैसे टर्नर सिंड्रोम, डाउंस सिंड्रोम लेकिन यहां हम बात स्टॉकहोम सिंड्रोम के बारे में करेंगे.  इस सिंड्रोम का नाता मेडिकल साइंस से इतर अपराध शास्त्र से है और इसका इतिहास भी दिलचस्प है. 1973 में स्वीडेन में नार्म्सस्टॉर्ग बैंक डकैती से करीबी नाता है. उस बैंक डकैती में अपहरणकर्ता ने चार लोगों को  बंधक बनाया था और एक तरह का खास रिश्ता किडनैपर और बंधकों के बीच पनपा जिसे स्टॉकहोम सिंड्रोम के नाम से जाना जाने लगा. नार्म्सस्टॉर्ग बैंक डकैती पहली वारदात थी जिसका सीधा प्रसारण हुआ था.

क्या होता है स्टॉकहोम सिंड्रोम

सवाल यह है कि स्टॉकहोम सिंड्रोन शब्द का इजाद कैसे हुआ. दरअसल  जिन चार बैंक कर्मचारियों ब्रिगिटा लुंडब्लॉड, एलिसाबेथ ओल्डग्रेनस क्रिस्टिन मार्क और सेवेन स्ट्रॉम को बंधक बनाया गया था उनका किडनैपर ओल्सन से लगाव पैदा हो गया था. यही वजह थी कि जब स्वीडेन सरकार ने ओल्सन के ही एक दोस्त को उससे मिलने के लिए भेजा तो बंधकों ने मिलने से इंकार कर दिया. यह घटना अपने आप में अलग तरह की थी कैसे कोई बंधक खुद आजाद नहीं होना चाहते हैं. इस तरह की प्रवृत्ति को मशहूर क्रिमिनोलॉजिस्ट नील्स बेजोट ने  नार्म्सस्ट्रॉग सिंड्रोम या स्टॉकहोम सिंड्रोम का नाम दिया. स्टॉकहोम सिंड्रोम में तीन तरह की स्थितियां बनती है. जब किडनैपर का झुकाव बंधकों से होता है या बंधकों का एकतरफा झुकाव किडनैपर से होता है या किडनैपर और बंधक दोनों एक दूसरे से सहानुभूति जताने लगाते हैं. अगर भारत की बात करें को फिल्म हाइवे, मदारी के जरिए इसे रुपहले पर्दे पर उतारा गया है.

स्वीडेन की बैंक डकैती से नाता

जान एरिक ओल्सन एक सजायाफ्ता था. फर्लो पर वो जेल से बाहर आया था लेकिन गायब हो गया. आपराधिक मामलों में उसे भले ही सजा मिली हो अपराध ने नाता नहीं छूटा और क्रेडिटबैंकेन में डकैती को अंजाम दे चार लोगों को बंधक बना लिया. स्वीडेन की सरकार परेशान थी कि उस मामले को कैसे सुलझाया जाये. तरह तरह के विकल्पों के बीच सरकार ने ओल्सन के सजायाफ्ता दोस्त क्लॉर ओल्फसन की मदद लेने का फैसला किया लेकिन दिलचस्प बात यह हुई कि बंधकों और अपहरणकर्ता दोनों ने पुलिस के साथ सहयोग देने से इनकार कर दिया. इसके पीछे कई वजह बतायी गई जिसमें से एक वजह यह थी कि बंधकों को पुलिस पर भरोसा नहीं था. पुलिस को थक हार कर बैंक परिसर में टीयर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा और उसके बाद किडनैपर ने सरेंडर कर दिया. मुख्य किडनैपर ओल्सन को 10 साल की सजा हुई और उसके सहयोगी ओल्फसन को आजाद कर दिया गया.

 

 

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