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वॉशिंगटन: यूक्रेन और रूस (Russia Ukraine) के बीच चल रही रस्साकसी के बीच लगता है कि अमेरिका (US) में राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से लेकर सीनेट के बड़े बड़े धुरंधरों के दिमाग में सिर्फ ये चल रहा है कि रूस (Russia) को लेकर भारत (India) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार का अगला कदम (India stand on Russia) क्या होगा. इसी वजह से कई दिनों से अमेरिकी सत्ता के गलियारों के दूसरे सबसे बड़े पावर हब यानी व्हाइट हाउस (White House) में भी भारत के नाम की माला जपी जा रही है, कैसे आइए बताते हैं.
व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि दुनिया के देशों को ये सोचना चाहिए कि इस समय के घटनाक्रम को लेकर जब भविष्य में इतिहास की किताबें लिखी जाएंगी तो वो सभी देश ये विचार करें वो किस तरफ खड़े होना चाहेंगे. फिलहाल रूसी नेतृत्व को समर्थन देना किसी विनाशकारी प्रभाव वाले आक्रमण को दी गई छूट है. जो बाइडेन प्रशासन ने कहा कि उनकी चिंता की एक वजह ये भी है क्योंकि भारत कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) को लेकर रूस के ऑफर को किस तरह लेगा. दरअसल बाइडेन प्रशासन को लगता है कि अगर भारत ने रूस की पेशकश स्वीकार की तो इस स्थिति में उसकी मुश्किल और बढ़ सकती है.
#WATCH | Think where you want to stand when history books are written in this moment in time. Support for Russian leadership is support for invasion having devastating impact: WH Press Secy on report about possibility that India could take up Russian offer of discounted crude oil pic.twitter.com/KgutHoUlVM
— ANI (@ANI) March 16, 2022
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा है कि रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना अमेरिका द्वारा लगाये गये किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी कहा गया है कि भारत, अमेरिकी प्रतिबंधों (Sanctions) का उल्लंघन नहीं कर रहा है लेकिन रूस की ऑयल डील कहीं नई दिल्ली को इतिहास में गलत दिशा में न खड़ा कर दे. प्रेस ब्रीफिंग में पास्की ने रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदे जाने की रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा, 'किसी भी देश के लिये हमारा संदेश यही रहेगा कि वे हमारे द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का पालन करें. हालांकि, मेरा विश्वास है कि यह उसका उल्लंघन नहीं है.'
India not violating sanctions, but Russian oil deal could place New Delhi on 'wrong side of history': US
Read @ANI Story | https://t.co/JW2E9prXlk#UkraineRussiaCrisis #RussianOilDeal #RussianUkrainianWar pic.twitter.com/E3BbPLnlw6
— ANI Digital (@ani_digital) March 16, 2022
बाइडेन ने लगाए हैं ये प्रतिंबध
जो बाइडेन ने रूस से तेल, कोयले और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसी भी रिपोर्ट सामने आयी थी कि यूरोपीय आयोग भी रूस की तीन बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने वाला है लेकिन अधिकारियों ने यह कहा कि उनसे तेल की खरीद प्रतिबंधित नहीं की जायेगी. भारत में स्थिति रूस के दूतावास ने कहा है कि रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में भारत के निवेश के बारे में हरदीप सिंह पुरी से गत सप्ताह चर्चा की है. भारतीय सरकार ने हालांकि नोवाक और पुरी के बीच हुई बातचीत पर चुप्पी साधी हुई है.
रूस के फैसले से अमेरिका को चिंता
यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का बड़ा ऐलान किया है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी पाबंदी लगाई है. वहीं भारत की बात करें तो रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम S 400 की रूस से खरीद को लेकर अमेरिका सिर्फ काट्सा के तहत धमकी देने के अलावा कुछ खास दबाव नहीं बना पा रहा है. अमेरिकी संसद में रिपब्लिकन हों या डेमोक्रेट्स सभी बड़े नेता भारत पर प्रतिबंध लगाने के विचार को मूर्खतापूर्ण बता चुके हैं.