चीनी वैक्सीन को अधूरे डेटा पर मंजूरी, COVAXIN को मनाही क्यों? WHO ने दिया इस सवाल का जवाब
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चीनी वैक्सीन को अधूरे डेटा पर मंजूरी, COVAXIN को मनाही क्यों? WHO ने दिया इस सवाल का जवाब

कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने पर देरी और चीनी वैक्सीन को अधूरे डेटा पर भी मंजूरी देने के ZEE NEWS के सवाल का WHO ने जवाब दिया है. WHO ने कहा है कि वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है. WHO किसी वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए उसको बनाने वाले देश को नहीं देखता.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. भारत बायोटेक की COVAXIN का मंजूरी न देने और चीनी वैक्सीन को अधूरे डेटा पर भी मंजूरी देने के सवाल पर  WHO ने जवाब दिया है.  WHO ने Zee  News के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि WHO की किसी भी वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है. WHO लगातार भारत बॉयोटेक के सम्पर्क में है और उनकी डेटा जमा करने में मदद कर रहा है. 

  1. Zee news के सवाल का WHO ने दिया जवाब 
  2. भारत की वैक्सीन पर करता है WHO भरोसा
  3. अगले हफ्ते मिल सकती है कोवैक्सीन को मंजूरी

वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया है पारदर्शी  

मीडिया से बात करते हुए WHO की Drug Access, Vaccines और Pharmaceuticals की सहायक महानिदेशक डॉ मैंरिएंजेला सिमाओं ने कहा कि हमारी वैक्सीन को मंजूरी देने की सारी प्रक्रिया transparent है. हर हफ्ते वैक्सीन की मंजूरी को लेकर चल रहे मूल्यांकन को WHO  अपनी वेबसाइट पर अपडेट करता रहता है.

वैक्सीन कंपनियों के प्लांट का भी होता है निरीक्षण

उन्होंने कहा कि WHO की  वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में कोई भी सीक्रेट नही है. हम वैक्सीन को मंजूरी देते वक्त ये नहीं देखते कि वैक्सीन किस देश ने बनाई है. वैक्सीन कंपनी के डेटा जमा करने के बाद WHO के एक्सपर्ट उसकी जांच करते हैं और कभी-कभी WHO के एक्सपर्ट्स जिस जगह पर वैक्सीन बन रही है उसका निरीक्षण भी करते हैं. लकिन भारत बॉयोटेक के प्लांट का हमने निरीक्षण नहीं किया.

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भारत बॉयोटेक कर रहा है डेटा जमा

सिमाओं ने कहा कि भारत बायोटेक लगातार तेजी से COVAXIN का डेटा WHO के पास जमा कर रहा है. आखिरी बार भारत बॉयोटेक ने 18 अक्टूबर को WHO के पास COVAXIN का डेटा जमा किया था. इसकी जांच WHO के एक्सटर्नल साइंटिस्ट्स ग्रुप (TAG) ने की. ये साइंटिस्ट 6 अलग-अलग देश के हैं. उनका काम भारत बॉयोटेक द्वारा जमा किये गए डेटा की टेस्टिंग करना था. जिन चीनी वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, उन्हें भी इस प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करना पड़ा था. TAG के  साइंटिस्ट्स के पास वैक्सीन निर्माता से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार होता है. मंगलवार को COVAXIN के साथ भी यही हुआ था. उनसे अगले मंगलवार तक अतिरिक्त स्पष्टीकरण जमा करने के लिए कहा गया है. WHO की लगातार भारत बॉयोटेक के साथ बातचीत हो रही है. 

भारतीय वैक्सीन पर है WHO को भरोसा

उन्होंने कहा कि WHO ने इस साल की शुरूआत में ही एक और भारतीय वैक्सीन निर्माता Serum Institute की वैक्सीन की भी जांच की थी और इसमें सिर्फ 30 दिन लगे थे. रही बात चीन की वैक्सीन की तो उन्होंने ने भी इस पूरी प्रक्रिया का पालन किया था और जहां 1 चीनी वैक्सीन को मंजूरी TAG की बैठक के 1 महीने बाद मिली थी तो दूसरी चीनी वैक्सीन को TAG की बैठक के 6 हफ्ते बाद मंजूरी मिली थी. WHO को भारत और भारतीय वैक्सीन निर्माताओं पर पूरा भरोसा है क्योंकि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन भारत बनाता है. उन्होंने कहा कि COVAXIN को TAG अगले हफ्ते तक मंजूरी दे सकता है. 

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तेजी से वैक्सीन को मंजूरी दे रहा है WHO

WHO के महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ ब्रूस एलवार्ड ने Zee news के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारा काम वैक्सीन के सहारे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाना है. WHO के डायरेक्टर जनरल के नेतृव में हम तेजी से वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन वैक्सीन को मंजूरी मिलने में कितना समय लगेगा यह 99% वैक्सीन निर्माता पर निर्भर होता कि वो किस गति से सारा डेटा जमा कर रहे हैं.

कुछ देशों ने WHO की मंजूरी वाली वैक्सीन की है अनिवार्य 

वहीं, Zee News के सवाल पर WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि वैक्सीन को लेकर लोग इसलिए परेशान हो रहे हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि उन्होंने जिस वैक्सीन को लगवाया है, उसे WHO  मंजूरी दे दे. या फिर वैश्विक देशो की मंजूरी मिल जाये. क्योंकि दुनिया के ज्यादातर देशों ने अपने देश में आने वाले लोगों के लिए WHO की मंजूरी वाली वैक्सीन अनिवार्य कर दिया है. हालांकि WHO का कहना है कि दुनिया के देशों को अपने देश मे घूमने आने वाले लोगों के लिए वैक्सीन वाला यह नियम नही रखना चाहिए.

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