Boris Johnson Donald Trump: अमेरिका में वॉइट हाउस की रेस अंतिम चरण में पहुंच गई है. पूरी दुनिया में सभी की नजरें इस चुनाव पर टिकी हैं. हर कोई अपने हिसाब का राष्ट्रपति अमेरिका में चाह रहा है. ट्रंप और कमला को पसंद करने वाले लोग खुलकर अब तक सामने आ चुके हैं. इसी बीच ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऐसा क्या कह दिया कि होने लगी चर्चा.
Trending Photos
Boris Johnson: अमेरिका में वॉइट हाउस की रेस अंतिम चरण में पहुंच गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर है. 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले ही 4.1 करोड़ से अधिक अमेरिकी अपने मतपत्र डाल चुके हैं. पूरी दुनिया में सभी की नजरें इस चुनाव पर टिकी हैं. हर कोई अपने हिसाब का राष्ट्रपति अमेरिका में चाह रहा है. ट्रंप और कमला को पसंद करने वाले लोग खुलकर अब तक सामने आ चुके हैं.
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ट्रंप के समर्थक?
इसी बीच ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अमेरिकी चुनाव से ठीक पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है. बोरिस जॉनसन ने यूएसए टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "लोग कहते हैं कि उन्हें जिस चीज से चिंता होती है, वह है ट्रंप की अप्रत्याशितता है, है न? 'ओह, वह (ट्रंप) अप्रत्याशित हैं'. यह अच्छी बात है."
विदेशी नेता ट्रंप से घबराए हुए
कंजर्वेटिव पार्टी के ब्रिटिश नेता बोरिस जॉनसन ने अपने साक्षात्कार में आगे कहा, "यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा व्यवहार है, क्योंकि विदेशी नेता ( ट्रंप को लेकर) थोड़े घबराए हुए हैं." उन्होंने ट्रंप की तारीफों में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि यदि वह व्हाइट हाउस में होते तो पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करते. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह शायद सच है कि अगर ट्रंप व्हाइट हाउस में होते तो पुतिन 2022 में ऐसा आक्रमण नहीं करते."
जॉनसन का क्या है ट्रंप से रिश्ता?
जॉनसन 2016 से 2018 तक ब्रिटेन के विदेश मंत्री थे, इसके बाद वह 2022 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. वह ट्रंप और बाइडेन सरकार के काफी करीबी रहे. उन्होंने ट्रंप या उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन नहीं करने की वजह बताते हुए कहा, "यह अमेरिकी लोगों का निर्णय है."
बोरिस ने याद किया पुराने दिन
उन्होंने 2017 के नाटो शिखर सम्मेलन में ट्रंप के साथ मीटिंग को याद किया. इस मीटिंग में ट्रंप पर अन्य नेताओं का अपमान करने और खराब व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था. इस मीटिंग में ही ट्रंप ने तैयार भाषण को फाड़ दिया था और "सभी नेताओं पर तीखे व्यंग्य किए थे." उस दौरान उनकी नाराजगी नाटो के रक्षा बजट को बढ़ाने को लेकर थी. उन्होंने कहा," लोगों ने उस शिखर सम्मेलन के बारे में कहा, 'ओह, ट्रम्प नाटो छोड़ने की धमकी दे रहे थे.' लेकिन वह ऐसा कुछ नहीं कर रहे थे. वह बस अमेरिकी और ब्रिटिश नीति को लागू कराने का प्रयास कर रहे थे." इनपुट आईएएनएस से