चीन के साथ क्यों नजदीकी चाहता है वेटिकन ?
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चीन के साथ क्यों नजदीकी चाहता है वेटिकन ?

दुनिया भर में चर्च की प्रमुख नियुक्तियों की मंजूरी भले ही पोप देते हों, लेकिन वेटिकन का ये नियम भी चीन में लागू नहीं होता.

वेटिकन चीन के साथ काम करने को लेकर काफी उत्साहित है .....

नई दिल्ली : रोमन कैथोलिक चर्च को चीन में फिलहाल 60 साल तक के प्रतिबंधित कर दिया गया है. ऐसे में वेटिकन की तरफ से कोशिश हो रही है कि बीजिंग से बात करके कोई समाधान निकाला जा सकता है. पोप फ्रांसिस खुद इस तमाम घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. 

माओत्से तुंग ने तोड़ा था नाता
आधुनिक चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की अगुवाई में कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता संभालने के फौरन बाद चीन की तरफ से साल1951 में वेटिकन से सभी रिश्ते खत्म कर दिए गए थे. 

चीनी कैथोलिक देशभक्त संघ 
चीन ने अपने देश के लिए खुद एक चीनी कैथोलिक देशभक्त संघ बनाया. वेटिकन ने इसे मान्यता नहीं दी तो चीनी संगठन ने खुद ही अपने बिशप चुनने का काम शुरू कर दिया. दुनिया भर में चर्च की प्रमुख नियुक्तियों की मंजूरी भले ही पोप देते हों, लेकिन वेटिकन का ये नियम भी चीन में लागू नहीं होता.

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रोम समर्थकों ने निकाला रास्ता
रोम के प्रति वफादार कैथोलिकों ने भूमिगत चर्च शुरू किए लेकिन बीजिंग ने इस कार्रवाई को अवैध मानते हुए ऐसे चर्च ध्वस्त करा दिए और रोम के वफादार अनुयायियों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.

पोप फ्रांसिस शायद दशकों बाद चीन के साथ सफलतापूर्वक बातचीत शुरू कराने वाले पहले पोप हैं. उनसे पहले, पोप जॉन पॉल और पोप बेनेडिक्ट ने भी ये कोशिश की लेकिन दोनों की इस मुहिम का कोई नतीजा नहीं निकला. पोप फ्रांसिस चाहते हैं कि चीन अपने नियमों में कुछ ढील दे और चीन एक बार फिर वेटिकन की सत्ता को चीन में बिशप नियुक्ति करने का अधिकार लौटा दे. 

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