मिडिल ईस्ट में मचेगी तबाही! इजरायल को अमेरिका ने भी कह दिया NO; क्या ईरान को लेकर मान जाएंगे नेतन्याहू?
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मिडिल ईस्ट में मचेगी तबाही! इजरायल को अमेरिका ने भी कह दिया NO; क्या ईरान को लेकर मान जाएंगे नेतन्याहू?

Iran-Israel News: जर्मनी और ब्रिटेन ने भी इजरायल को ईरान के साथ युद्ध न करने की सलाह दी है. जर्मनी और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात कर कहा कि इजरायल की ईरान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई मीडिल ईस्ट को बड़े युद्ध की तरफ ले जा सकती है. 

मिडिल ईस्ट में मचेगी तबाही! इजरायल को अमेरिका ने भी कह दिया NO; क्या ईरान को लेकर मान जाएंगे नेतन्याहू?

Israel-Iran Attack: 13 अप्रैल को हुए ईरान के हमले के बाद से ही इज़रायल ईरान से बदला लेने को बेताब है और इसके लिए इजरायली सेना ने अपनी तैयारी भी तेज कर दी है. लेकिन अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश इजरायल को ईरान पर कार्रवाई करने से रोक रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बेंजामिन नेतन्याहू को साफ कह दिया है कि अगर ईरान पर हमला होता है तो अमेरिका इसमें इजरायल की मदद नहीं करेगा. 

वहीं जर्मनी और ब्रिटेन ने भी इजरायल को ईरान के साथ युद्ध न करने की सलाह दी है. जर्मनी और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात कर कहा कि इजरायल की ईरान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई मीडिल ईस्ट को बड़े युद्ध की तरफ ले जा सकती है. 

'इजरायल किसी के दबाव में नहीं झुकेगा'

वहीं इजराइली वॉर और सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि सहयोगी देशों की सलाह चाहे जो भी हो, इज़रायल किसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और ईरान पर हमला कब करना है इसका फैसला खुद लेगा.

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, दुनिया के नेताओं ने मुझे हर तरह के सुझाव और सलाह दी है. मैं इसकी सराहना करता हूं. लेकिन मैं ये साफ करना चाहता हूं कि हम अपने फैसले खुद लेंगे. इज़रायल अपनी रक्षा के लिए वो सब करेगा जो ज़रूरी है.

ईरान पर हमला नहीं करना चाहिए- सर्वे

वहीं इजरायल की हिब्रू यूनिवर्सिटी के एक ओपिनियन पोल के मुताबिक 74 फीसदी लोगों का मानना है कि अगर इजराइल के सहयोगी देश तैयार नहीं है, तो इजरायल को ईरान पर हमला नहीं करना चाहिए.

13 अप्रैल को इजरायल पर हमले के बाद ईरान की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं क्योंकि यूरोपीय संघ ईरान पर कई और कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहा है. यूरोपीय संघ ने पहले ही ईरान के खिलाफ कई प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिनमें व्यापार, ट्रैवल और संपत्ति फ्रीज जैसे प्रतिबंध शामिल है. लेकिन अब इसका दायरा और बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

यूरोपीय संघ की बैठक में EU के नेताओं ने मध्य पूर्व में युद्ध रोकने और तनाव कम को लेकर चर्चा की. बैठक में शामिल सभी देशों ने सर्वसम्मति से ईरान पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताई.

क्या ईरान पर लगेंगे प्रतिबंध

यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक में ईरान पर प्रतिबंधों को लेकर चर्चा हुई, सभी इस बात पर सहमत थे कि उन सभी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो इजराइल पर हमला करने वालों और लाल सागर में जहाजों पर हमला करने वालों को ड्रोन, हथियार और मिसाइल देते हैं.

वहीं बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने इजरायल पर ईरान के हमलों की निंदा की और  ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया.

'ईरान के हमलों की करते हैं निंदा'

बेल्जियम के PM अलेक्जेंडर डी क्रू ने कहा, हम इजरायल पर ईरान के हमलों की निंदा करते हैं, ईरान के हमले को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, हम ईरान पर प्रतिबंधों पर विचार कर रहे हैं. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को प्रतिबंधों की सूची में डाला जाना चाहिए.

वहीं इजरायल ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के फैसले का स्वागत किया है. अमेरिका ने जहां एक तरफ ईरान पर हमले के लिए इजरायल को मदद देने से इनकार कर दिया है. वहीं हमास के खात्मे के लिए चलाए जा रहे राफा ऑपरेशन को अपनी सहमति दे दी है.

 इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास आतंकियों के खात्मे के लिए राफा शहर में इजरायल के ऑपरेशन का विरोध किया था. लेकिन अब उसने राफा में इजरायल की कार्रवाई का समर्थन किया है.

राफा पर इजरायल करेगा हमला

हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के दक्षिणी गाजा के शहर राफा पर जल्द ही हमला करने का ऐलान किया था, इजरायल का मानना है कि राफा शहर हमास के आतंकियों का आखिरी गढ़ है. राफा में ही हमास के सबसे ज्यादा आतंकी मौजूद हैं. इसलिए हमास के आतंकियों को खत्म करने के लिए राफा पर हमला करना ज़रूरी है. यही वजह है कि नेतन्याहू बार-बार राफा में इजरायली सेना को भेजने की बात करते रहे हैं.

हालांकि, कई देश इजरायल के ऑपरेशन राफा का विरोध कर चुके हैं. उनका मानना है कि इजरायल के राफा में हमला करने से वहां रह रहे लाखों शरणार्थियों की जान को खतरा हो सकता है. लेकिन अब अमेरिका ने राफा में इजरायल की कार्रवाई कर समर्थन किया है. इसकी एक वजह ये भी है कि अमेरिका इजरायल और ईरान युद्ध को रोकने की कोशिश में लगा है क्योंकि अगर इजरायल ईरान पर हमला करता है तो अमेरिका को ना चाहते हुए भी जंग में कूदना पड़ सकता है. 

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