Zee जानकारी: घटिया कंपनियों के खिलाफ मेड इन चाइना फॉर्मूला
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Zee जानकारी: घटिया कंपनियों के खिलाफ मेड इन चाइना फॉर्मूला

Zee जानकारी: घटिया कंपनियों के खिलाफ मेड इन चाइना फॉर्मूला

अब हम घटिया कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले Made In China फॉर्मूले का विश्लेषण करेंगे. पूरी दुनिया में चीन नकली सामान बनाने की वजह से बदनाम है. और चीन की जो कंपनियां ऐसा काम करती हैं, उनकी वजह से पूरे चीन की बदनामी हो रही है. लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए चीन की सरकार ने एक सख्त कदम उठाया है. चीन की सरकार अपने देश की ऐसी बदनाम कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाली है. 

भारत के संदर्भ में आपको ये ख़बर इसलिए जाननी चाहिए, क्योंकि भारत में भी सैकड़ों ऐसी कंपनियां हैं जो गलत काम करती हैं. लेकिन हमारे देश में ऐसी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है. लेकिन चीन में अब ऐसा नहीं होगा.

चीन में जो बदनाम कंपनियां होंगी, उनके खिलाफ सरकार अब कानूनी कार्रवाई करेगी. जैसे अब ऐसी कंपनियों के management executives हवाई जहाज़ और high-speed ट्रेन में यात्रा नहीं कर पाएंगे. उन्हें सरकार को भारी जुर्माना देना होगा. और इसके अलावा उनके फोटो सार्वजनिक जगहों पर चिपका दिए जाएंगे. इनमें वो कंपनियां शामिल हैं, जो किसी भी तरह की smuggling, टैक्स चोरी और धोखाधड़ी में शामिल हैं. ऐसी कंपनियों के खिलाफ चीन की 33 सरकारी संस्थाओं ने एक साथ आकर कार्रवाई करने का फैसला किया है.

इससे पहले चीन ने अपने देश के करीब 67 लाख 30 हज़ार लोगों को Defaulter घोषित किया था. और उन लोगों के खिलाफ भी तरह तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. Defaulter घोषित किए गए लोगों में से 61 लाख 50 हज़ार लोग हवाई जहाज़ के टिकट नहीं खरीद पाएंगे. जबकि 22 लाख 20 हज़ार लोग ऐसे हैं जो बुलेट ट्रेन से सफर नहीं कर पाएंगे. यहां Extra जानकारी ये भी है कि चीन में बुलेट ट्रेन का किराया अक्सर हवाई जहाज़ के मुकाबले ज्यादा होता है. 

चीन का सुप्रीम कोर्ट दिसंबर 2016 से लगातार रेलवे और एयरलाइंस कंपनियों के साथ इस संबंध में बातचीत कर रहा था. बातचीत के बाद ये तय किया गया कि Defaulters को बुलेट Trains और हवाई जहाज़ों में सफर करने से रोका जाएगा. वहां के सुप्रीम कोर्ट ने Defaulters के पासपोर्ट की लिस्ट भी एयरलाइंस कंपनियों को दी है. पहले Defaulters ID Card की जगह पासपोर्ट दिखाकर टिकट हासिल कर लिया करते थे. लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगे. 

इसके अलावा बैंकों का कर्ज़ ना चुकाने वाले 71 हज़ार लोग ऐसे हैं. जो नौकरी भी नहीं कर पाएंगे. इनमें से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हैं. इतना ही नहीं, कर्ज़ ना चुकाने वालों को प्रमोशन भी नहीं दिया जाएगा, इसके अलावा Industrial and Commercial Bank of China ने 5 लाख 50 हज़ार Defaulters को Credit Cards और Loan देने से भी मना कर दिया है.

यानी चीन ने बिना किसी भेदभाव के Defaulters के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश की है. चाहे वो राजनेता हो, सरकारी अफसर या आम आदमी लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता है. भारत में अमीर उद्योगपति आसानी से बिना कर्ज़ चुकाए देश छोड़कर चले जाते हैं और फिर कभी वापस नहीं आते. अगर भारत में भी चीन जैसा सिस्टम अपनाया गया होता तो विजय माल्या जैसे उद्योगपति बैंकों से लिए गये 9 हज़ार करोड़ रुपये चुकाए बगैर देश से बाहर नहीं जा पाते. 

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