नई दिल्ली. व्यक्ति के जीवन में रत्नों का बहुत महत्व होगा है. हमेशा विशेषज्ञ की सलाह पर ही रत्न धारण करना चाहिए. नहीं तो लाभ के स्थान पर हानि भी उठानी पड़ सकती है. रत्न पहनने से पहले यह इस बात का ध्यान देना चाहिए कि 4, 9 और 14 तिथि न हो. ज्योतिष के मुताबिक इन तारीखों पर रत्न धारण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ये भी याद रखना चाहिए कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. साथ ही अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन भी रत्न न पहनें. रत्न हमेशा दोपहर से पहले सूर्य की ओर मुख करके पहनना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी रत्न को कभी भी किसी माह के कृष्ण पक्ष में धारण नहीं करना चाहिए. रत्न को पहनने के लिए किसी भी महीने का शुक्ल पक्ष ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा किसी भी रत्न को पहनने के पूर्व उनको विधि-विधान के अनुसार पूजा करके अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए.
लंबे समय तक दूध में न डालें रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई ऐसे रत्न होते है जो दूध को भी सोख लेते हैं. इसलिए जब आप रत्न पहनने वाले हो उसके कुछ समय पहले ही रत्न को दूध में डालें. कई लोग रातभर के लिए रत्न को दूध में छोड़ देते हैं। ऐसे में रत्न के अंदर दूध समा जाता है, जिससे रत्न विकृत हो जाता है.
इस दिशा की ओर मुख करके धारण करें रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न धारण करते समय व्यक्ति के मुख की दिशा भी सही होनी चाहिए. इसलिए रत्न को दोपहर से पहले धारण करना चाहिए और मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
किस नक्षत्र में रत्न धारण करना शुभ
मोती, मूंगा जो समुद्र से संबंधित रत्न है उन्हें रेवती, अश्विनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा नक्षत्र पर धारण कर लें.
सुहागिन महिलाएं इस नक्षत्र में न धारण करें रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुहागिन महिलाएं रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र में रत्न धारण न करें.