Vasant Panchami Date: जानें कब है मां सरस्वती की पूजा का पर्व बसंत पंचमी, मुहूर्त, समझें महत्व और पूजन विधि

Vasant Panchami 2022 Date:- धार्मिक दृष्टि से ये पर्व विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन पीले वस्त्र पहन कर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2022, 02:10 PM IST
  • बसंत पंचमी को कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं
  • पति-पत्नी इस दिन कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं
Vasant Panchami Date: जानें कब है मां सरस्वती की पूजा का पर्व बसंत पंचमी, मुहूर्त, समझें महत्व और पूजन विधि

नई दिल्ली: Vasant Panchami 2022 Date:- हिंदू धर्म में वसंत पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन से वसंत ऋतु भी प्रारंभ हो जाती है.  माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन देशभर में वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं कि विद्यार्थियों को आज के दिन से ही शिक्षा का प्रारंभ करना चाहिए. वैज्ञानिक दृष्टि से यह प्रकृति के उत्सव का भी पर्व भी माना जाता है. इस समय सर्दी और गर्मी का संतुलन होता है. आइए जानते हैं कि माघ में पड़ने वाली वसंत पंचमी की तिथि, मुहूर्त  और पूजन विधि के बारे में. 

वसंत पंचमी 2022 तिथि 
इस साल वसंत पंचमी 5 फरवरी के दिन मनाई जाएगी. पंचाग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पंचमी की 05 फरवरी सुबह 03 बजकर 47 मिनट से शुरू हो कर 06 फरवरी प्रात: 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. धार्मिक दृष्टि से ये पर्व विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन पीले वस्त्र पहन  कर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. 

क्या है धार्मिक मान्यता
बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का उद्भव हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा का विधान है. इस दिन देश के कई हिस्सों में पंतग भी उड़ाई जाती है. 

कामदेव की पूजा 
ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी को कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं. इससे वैवाहिक जीवन में कभी अड़चनें नहीं आती हैं.

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वसंत पंचमी 2022 पूजन समय

पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट है. वहीं, इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है. राहुकाल सुबह 9 बजकर 51 मिनट से दिन में 11 बजकर 13 मिनट तक है.

वसंत पंचमी पूजन विधि 
-वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की मूर्ति स्थापना की जाती है
-शुभ मुहूर्त के अनुसार मां की पूजा की जाती है. 
-स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है
-इस दिन एक दूसरे को लाल और पीले गुलाल लगाते हैं
-मां को पीले रंग की चीजों से भोग लगाया जाता है
-इस दिन पीले रंग के मीठे चावल बना कर खाने का विधान है

क्या होता है इस दिन
इस दिन, कई मंच काव्य और संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं. छोटे बंगाली बच्चे भी पहली बार अपने अक्षर लिखना सीखते हैं. समारोह में भाग लेने के लिए, कई लोग अक्सर पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. इस समय कृषि क्षेत्र सरसों की फसल से पीले फूलों से भरे हुए हैं, जिससे यह किसानों के लिए खुशी मनाने का एक आदर्श दिन है. कुछ भी नया शुरू करने, शादी करने या गृह प्रवेश करने के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है.

बसंत पंचमी होली के आगमन की भी घोषणा करती है जो चालीस दिन बाद होती है. पंचमी पर वसंत उत्सव वसंत से चालीस दिन पहले मनाया जाता है, क्योंकि किसी भी मौसम की संक्रमण अवधि 40 दिनों की होती है, और उसके बाद, मौसम पूरी तरह से खिल जाता है.

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