Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi: इस मंत्र से लें हरतालिका तीज व्रत का संकल्प, जानें पूजा विधि और सामग्री

Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi: हरतालिका तीज 6 सितंबर को है. इस दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज व्रत के लिए किन पूजन सामग्रियों की जरूरत पड़ती है और इसकी पूजा विधि क्या है, जानिए यहांः

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Sep 5, 2024, 06:23 PM IST
  • प्रदोष काल में होती है पूजा
  • हरतालिका तीज का भोग
Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi: इस मंत्र से लें हरतालिका तीज व्रत का संकल्प, जानें पूजा विधि और सामग्री

नई दिल्लीः Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi and Samagri: हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाएगा. यानी 6 सितंबर को हरतालिका तीज है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए ये व्रत रखती हैं. जानिए हरतालिका तीज व्रत की पूजा विधिः

हरतालिका तीज का व्रत काफी कठिन माना जाता है. यह निर्जला व्रत है. व्रत के पारण से पहले पानी की एक भी बूंद ग्रहण नहीं की जा सकती है. हरतालिका तीज के दिन सुबह स्नान के बाद 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है.

प्रदोष काल में की जाती है पूजा

हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. दिन-रात के मिलने के समय को प्रदोष काल कहा जाता है. हरतालिका तीज के दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. शाम के समय फिर से स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण किए जाते हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और 16 शृंगार करती हैं. इसके बाद गीली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं. दूध, दही, चीनी, शहद और घी से पंचामृत बनाएं.

हरतालिका तीज का भोग

सुहाग की सामग्री को अच्छी तरह सजाकर मां पार्वती को अर्पित करें. शिवजी को वस्त्र अर्पित करें. अब हरतालिका व्रत की कथा सुनें. इसके बाद सबसे पहले गणेश और फिर शिव व माता पार्वती की आरती उतारें. अब भगवान की परिक्रमा करें. रात को जागरण करें. सुबह स्नान करने के बाद माता पार्वती का पूजन करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं. फिर ककड़ी और हलवे का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें. सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें.

हरतालिका तीज की पूजन सामग्री 

गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद.
 
मां पार्वती की सुहाग सामग्री: मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, सुहाग पिटारी.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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