नई दिल्लीः Navratri 2022: आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं. सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. मां का पदार्पण हाथी पर सवार होकर हो रहा है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं. शैल का मतबल होता है पर्वत. पर्वत अडिग है और उसे कोई हिला नहीं सकता है. जब हम भगवान की भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमें भी खुद को पर्वत की तरह अडिग रखना होता है.
मन में भी भगवान के लिए अडिग विश्वास होना चाहिए. तभी हम लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल विराजमान है. माथे पर चंद्रमा सुशोभित है.
आज का पंचांग
अश्विन - शुक्ल पक्ष - प्रतिपदा - सोमवार
नक्षत्र - हस्त नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग - शुक्ल योग
चंद्रमा का कन्या राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.54 बजे से 12.42 बजे तक
राहु काल - 07.49 बजे से 09.19 बजे तक
त्योहार - शारदीय नवरात्रि प्रारंभ, घटस्थापना, माता शैलपुत्री की पूजा
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
पिंडवाली नौ देवियों को सबसे पहले गंगाजल से धोकर उन पर दूध में मिश्री मिलाकर अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
अनाज के भंडारण में कमी आएगी. तेजी से मौसम बदलने से श्वास संबंधी बीमारियां बढ़ेंगी.
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