नई दिल्ली. Navratri 2022 Maa Brahmacharini नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. जिनका स्वरूप बहुत ही अलौकिक माना गया है. देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों पहलुओं पर काफी महत्व है. सबसे पहले जानते हैं कि ब्रह्मचारिणी का अर्थ क्या है.
ब्रह्मचारिणी यानि ब्रह्मचर्य का पालन कराने वाली. माता का यह स्वरूप तपस्वी का है. यहां ब्रह्मचर्य का अर्थ विवाह से नहीं बल्कि तप से है. ब्रह्म का अर्थ है तप और चारिणी का अर्थ है आचरण कराने वाली यानि तपमय जीवन यापन करने वाली.
चुनौतियां का समना करने का बल
हम सभी अपने जीवन में किसी ना किसी तप का पालन करते हैं. फिर चाहे वह हमारे कार्यक्षेत्र में मिलने वाली कठिनाई हो या फिर हमारे निजी जीवन की चुनौतियां. तप का अर्थ सिर्फ तपस्या से नहीं है बल्कि अपने जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना करने से है. तो इस दिन माता की आराधना हमें जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करने का बल देती है.
जागृत होता है स्वाधिष्ठान चक्र
यदि हम अपने शरीर की बात करें तो माता ब्रह्मचारिणी की आराधना से हमारे शरीर का स्वाधिष्ठान चक्र जागृत होता है। जो कि मन के शुद्धिकरण और विचारों को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस चक्र के जागृत होने पर हमारे अंदर साहस में बढ़ोत्तरी होती है। इस दिन नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण कर माता ब्रह्मचारिणी की आराधना जरूर करें।
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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