नई दिल्ली: देशभर में 6 व 7 सितंबर को धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाएगी. जन्माष्टमी से पूर्व ही मंदिरों में बाल गोपाल की प्रतिमा को सजा दिया गया है. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण राधा के बिना अधूरे हैं. जन्माष्टमी के बाद राधा अष्टमी (Radha Ashtami) भी आएगी. भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखा जाता है और माना जाता है कि राधा की पूजा करने से आय और आयु बढती है. साथ ही भाग्य भी आपका साथ निभाता है.
कब है राधा अष्टमी
राधा अष्टमी 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 23 सितंबर को 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी. वहीं, उदया तिथि के अनुसार 23 सितंबर को राधा अष्टमी का व्रत रखा जाएगा, इस दिन शनिवार है.
इस तरह रखें राधा अष्टमी का व्रत
यदि आप भी राधा अष्टमी के दिन व्रत रखना चाहते हैं, तो सुबह जल्दी उठना होगा. फिर हाथ में जल लेकर आचमन करते हुए राधा रानी का स्मरण करें. आचमन करते समय 'ओम केशवाय नमः' के मंत्र का उच्चारण करें. इसके बाद सूर्य देव को जलअर्पण करें. फिर घर में बने मंदिर में राधा रानी और श्रीकृष्ण की प्रतिमा विराजमान करें. ध्यान रहे, दोनों की प्रतिमा अलग-अलग न हों. अंत में राधा चालीसा का पाठ करें. शाम को आरती करने के पश्चात प्रसाद ग्रहण करें.
अरबी और दही की सब्जी का भोग लगाएं
मां राधा और भगवान कृष्ण को दही और अरबी की सब्जी का भोग लगाया जाता है. इसे बनाने के लिए छिली हुई अरबी को घी में फ्राई करें. फिर धनिया, अदरक और हरी मिर्च को पीस लें. फिर कड़ाही में गर्म घी में दो चम्मच अजवाइन और पीसा हुआ मसाला डालें. जब यह पक जाए तो धीमी आंच पर दही पकाएं. जब घी ऊपर आने लगे तो इसमें अरबी मिला दें. फिर आधा कप पानी डाल दें. पांच मिनट पकने के बाद यह तैयार है. आप चाहें तो गरम मसाला भी डाल सकते हैं. इसी सब्जी का राधा रानी और श्रीकृष्ण को भोग चढ़ता है.
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