नई दिल्ली: Sankashti Chaturthi: आज संकष्टी चतुर्थी है. आज गणपति का आशीर्वाद पाने का पर्व है. बिगड़े हुए काम को सही करने का पर्व है. संकष्टी चतुर्थी मनुष्य के जीवन में उत्पन्न संकट हरने की चतुर्थी है. इस पर्व का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्व है.
इस पूजा से जातक के जीवन में आने वाली समस्याओं का निदान होता है. गणपति जातक के जीवन में उत्पन्न सभी विघ्नों को हर लेते हैं.
गणपति की विधि-विधान से की जाती है पूजा
संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’. इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है. पुराणों के अनुसार, चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है. इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चंद्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी पर पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है.
अंगारकी चतुर्थी
यदि किसी महीने में यह पर्व मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है. अंगारकी चतुर्थी 6 महीनों में एक बार आती है और इस दिन व्रत करने से जातक को पूरे संकष्टी का लाभ मिल जाता है.
आज का पंचांग
अश्विन - कृष्ण पक्ष - तृतीया तिथि - मंगलवार
नक्षत्र - रेवती नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- वृद्धि योग
चंद्रमा का मीन के उपरांत 6:35 बजे मेष राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.58 बजे से 12.47 बजे तक
राहु काल- 03.28 बजे से 04.57 बजे तक
त्योहार - संकष्ठी चतुर्थी, अंगारक चतुर्थी
मनोकामना की पूर्ति के लिए विशेष उपाय
चांदी के चौकोर टुकड़े में बीच में छिद्र करवाकर उसमें लाल धागे लपेटकर एक माला का रूप दीजिए. अपने घर के मंदिर में एक जल पात्र में रख दे. सायंकाल से पहले उसके वहां से हटाकर अपनी तिजोरी में रख दें.
भविष्यवाणी - लग्न एवं ग्रहों की टेढ़ी चाल के कारण राजनीतिक और सामाजिक वैमनस्य बढ़ेगा. राजनीतिक गतिविधियों में उथल-पुथल रहेगी. बीमारी बढ़ने की संभावना है.
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