Kaise karein Bhagya ki Pahchan: किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके भाग्य को उतना ही जरूरी माना जाता है जितनी की कर्म को, अगर भाग्य रूठा रहे तो लाख कर्म करने के बाद भी सकारात्मक नतीजें मिलने की दर कम होती है. भाग्य का निर्माण कुंडली में ग्रहों की स्थिति से होता है जिसकी वजह से सौभाग्य और दुर्भाग्य का निर्माण होता है, जिसे हर आदमी जानना चाहता है कि उसका मौजूदा समय सौभाग्य से भरा है या दुर्भाग्य से.
इस आसान तरीके से हो सकती है भाग्य की पहचान
ऐसे में अगर आप अपने भाग्य की पहचान करना चाहते हैं तो इसका बेहद आसान तरीका है जिसे जानने पर आपको अपने भाग्य में चल रहे समय की पहचान हो जाएगी. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि को सभी ग्रहों में सबसे खास स्थान दिया गया है, ऐसे में शनि की कुंडली में स्थिति को देखकर आप अपने भाग्य की पहचान कर सकते हैं.
किस राशि में हो शनि तो जानें कैसा रहेगा भाग्य
पहले भाव में शनि
अगर आपकी कुंडली के पहले भाव में शनि स्थित हैं तो यहां आपका भाग्य मिला जुला फल देगा. अगर आप मेहनत करने से नहीं घबराएंगे तो आप धनवान और सुखी होंगे.
दूसरे भाव में शनि
अगर शनि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में हो तो यह आपको पैसे कमाने के लिए परिवार से दूर भेज सकता है, वहीं पर आपके नेचर में आये अचानक बदलाव से लोग आपसे दूर हो सकते हैं.
तीसरे भाव में शनि की स्थिति
कुंडली के तीसरे भाव में शनि के स्थित होने पर जातक न्यायी, प्रैक्टिकल और होशियार बनता है. ऐसे लोग सभी से फ्रैंडली होते हैं और बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल करते हैं.
चौथे भाव में शनि की मौजूदगी
अगर शनि आपकी कुंडली के चौथे भाव में मौजूद होता है तो यह आपको उदार और शांत बनाता है, आप दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं और आर्थिक स्थिति में मिला-जुला असर देखने को मिलता है. अगर आप घर से दूर रहेंगे तो ज्यादा तरक्की मिलेगी.
पांचवें भाव में शनि
अगर शनि कुंडली में पांचवें भाव में बैठा हो तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वह व्यक्ति रहस्यमय होता है. ऐसे व्यक्ति न किसी से अपनी बात शेयर करते हैं और न ही दूसरों की बातों में रुचि रखते हैं.
छठे भाव में शनि का फल
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि छठे भाव में रहता है तो ऐसे व्यक्ति अपने शत्रुओं पर जीत हासिल करते हैं, ये लोग काफी बहादुर और बलवान होते हैं, साथ ही इनके पास पैसों की कभी कोई कमी नहीं होती है.
सातवें भाव में शनि
कुंडली के सातवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति को व्यापार में काफी सफलता मिलती है. ऐसे व्यक्ति का दांपत्य जीवन काफी सुखमय रहता है. कुंडली के आठवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति लंबी आयु प्राप्त करता है.
आठवें भाव में शनि की मौजूदगी
शनि के आठवें भाव में होने पर व्यक्ति किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं होता और उसे जीवन में कई बार बड़ी परेशानियों से गुजरना पड़ता है.
नौवें भाव में शनि
ऐसे व्यक्ति जिसकी कुंडली में नौवें भाव में शनि होते हैं, उन्हें मिले जुले परिणाम प्राप्त होते हैं. ऐसे व्यक्ति विचारशील, दानी और दयालु स्वभाव के होते हैं. दूसरे के प्रति आपका व्यवहार अच्छा रहता है.
दसवें भाव में शनि का प्रभाव
शनि के दशम भाव में होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक होता है. ऐसे लोगों को नौकरी में कोई ऊंचा पद भी मिल जाता है.
ग्यारहवें भाव में शनि की मौजूदगी से असर
कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि के होने पर व्यक्ति लंबी आयु वाला होने के साथ ही धनी, कल्पनाशील और स्वस्थ रहता है. साथ ही उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
बारहवें भाव में शनि से क्या होता है प्रभाव
बारहवें भाव में शनि के होने पर व्यक्ति अक्सर अशांत मन वाला होता है और कई वजहों से परेशान हो सकता है.
इसे भी पढ़ें- 3 राशियां जिन पर नहीं पड़ता शनि की साढ़े साती का असर, जानें कैसे होगा आपका शनि मजबूत