Teej 2022: क्या है हरियाली-कजरी और हरतालिका तीज, जानिए तीनों के बीच का अंतर

Teej 2022: हरियाली-हरतालिका और कजरी तीज का व्रत महिलाएं मनोकामना पूर्ती के लिए रखती हैं. इस मौके पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 24, 2022, 12:20 PM IST
  • तीज में महिलाएं रखती है निर्जला व्रत
  • पहली बार माता पार्वती ने रखा था व्रत
Teej 2022: क्या है हरियाली-कजरी और हरतालिका तीज, जानिए तीनों के बीच का अंतर

नई दिल्ली. हिंदू संस्कृति में तीज का विशेष महत्व है. एक साल में तीन बार तीज पड़ती है, जिसे हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज के रूप में जाना जाता है. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इन तीनों तीज में माता पार्वती भगवान शिव की पूजा की जाती है. आज हम आपको इनके बीच का अंतर बताने जा रहे हैं.

हरियाली तीज
कई लोग अक्सर गलती से हरियाली और हरतालिका तीज को एक ही मान लेते हैं. हलांकि, इनमें कुछ समान्ताएं भी हैं. हरियाली तीज वह तीज है, जो श्रावण मास में अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आती है. विवाहित महिलाएं इसमें निर्जला व्रत रखती हैं. 

हरतालिका तीज
हरतालिका तीज को भाद्रपद शुक्ल तीज कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हरतालिका तीज का व्रत रखा था. हरियाली तीज और हरतालिका तीज दोनों में देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है. हरतालिका तीज में व्रत में सख्त नियमों का पालन किया जाता है. 

कजरी तीज
कजरी तीज भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. कजरी तीज को सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं. कजरी तीज को बड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है, जो हरियाली तीज यानी छोटी तीज के बाद मनाई जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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