Vat Savitri Vrat Special: बरगद की पूजा से पहले जानिए सामान की लिस्ट, पूजा विधि और मुहूर्त

सनातम धर्म में वट वृक्ष या बरगद को विशेष स्थान प्राप्त है. पुराणों के अनुसार वट वृक्ष (Banyan Tree) के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और आगे के हिस्से में शिव का वास है. भगवान बुद्ध को भी वट वृक्ष (Banyan Tree) के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 9, 2021, 07:21 PM IST
  • सनातम धर्म में वट वृक्ष या बरगद को विशेष स्थान प्राप्त है.
  • ज्येष्ठ मास की अमावस्या को होती है वट सावित्री व्रत पूजा
Vat Savitri Vrat Special: बरगद की पूजा से पहले जानिए सामान की लिस्ट, पूजा विधि और मुहूर्त

नई दिल्लीः Vat Savitri Vrat Pooja: ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत की पूजा की जाती है. सनातन परंपरा के अनुसार इस दिन सुहागिन स्त्रियां बरगद वृक्ष की पूजा करती हैं. इसके साथ ही घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.

यह वही तिथि है जब सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थी. 

सभी मनोकामनाएं पूरी करता है वट वृक्ष
सनातम धर्म में वट वृक्ष या बरगद को विशेष स्थान प्राप्त है. पुराणों के अनुसार वट वृक्ष (Banyan Tree) के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और आगे के हिस्से में शिव का वास है. भगवान बुद्ध को भी वट वृक्ष (Banyan Tree) के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

ऐसा माना जाता है कि इसके नीचे बैठकर पूजा करने और व्रत कथा आदि सुनने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

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जानते हैं व्रत की तिथि और मुहूर्त
Vat Savitri Vrat व्रत की तिथि 10 जून 2021 दिन गुरुवार को है. अमावस्या की तिथि 9 जून 2021 को दोपहर 01:57 बजे से है और  अमावस्या समाप्त होगी 10 जून 2021 को शाम 04:20 बजे व्रत का पारण 11 जून 2021 दिन शुक्रवार को किया जाएगा. 

दोपहर में होती है वट सावित्री पूजा
वट सावित्री व्रत पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की जरूरत होती है. इन सामग्रियों की लिस्ट देखकर सामान आज ही इकट्ठा कर लें.

और अगर सामान जुटा लिया है तो लिस्ट से मिलान कर लें. वट सावित्री व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है. तब तक महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. पूजा का सामान हर स्थान पर अलग-अलग हो सकता है. 

श्रृंगार का सामान
मौसमी फल (आम-लीची)
मिठाई, घर में पका कोई भी मिष्ठान, गड़
मौली
रोली
कच्चा धागा
लाल कपड़ा
नारियल
इत्र
पान
सिंदूर
दूर्वा घास
सुपारी
पंखा (हाथ का पंखा)
जल

इसके अलावा कई स्थानों पर कच्चे आटे के बरगदा बनाए जाते हैं. यह आटे में दूध के साथ सान कर छोटी-छोटी बनाई हुई गोलियां होती हैं. इन्हें घी में तल लिया जाता है. इसके बाद इन्हें सींक में फंसाकर बरगद की पूजा में चढ़ाते हैं. यही पूजा का मुख्य प्रसाद होता है. 

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