BJP नेता खड़से का दावा, कहा- 'घोटाले में शरद पवार का नाम कभी नहीं आया'

सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा करते हुए उन्हीं के पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने बुधवार को दावा किया कि जब वो राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक भ्रष्टाचार घोटाले को उठा रहे थे तब कभी NCP अध्यक्ष शरद पवार का नाम इसमें नहीं आया था.

Last Updated : Sep 25, 2019, 09:00 PM IST
    • एक समय राज्य के मुख्यमंत्री पद के दावेदार खड़से के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे और 2016 में उन्हें मंत्री का पद छोड़ना पड़ा
    • चुनावी तारीखों का ऐलान हो चुका है, ऐसे में बीजेपी नेता के ये तेवर काफी कुछ संकेत देने का काम कर रहे हैं
BJP नेता खड़से का दावा, कहा- 'घोटाले में शरद पवार का नाम कभी नहीं आया'

नई दिल्ली: सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा करते हुए उन्हीं के पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने बुधवार को दावा किया कि जब वो राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक भ्रष्टाचार घोटाले को उठा रहे थे तब कभी NCP अध्यक्ष शरद पवार का नाम इसमें नहीं आया था.

एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और कई अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया है. जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता ने अलग ट्रैक पकड़ लिया. 

महज़ कुछ दिनों के भीतर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होंगे. तारीखों का ऐलान हो चुका है, ऐसे में बीजेपी नेता के ये तेवर काफी कुछ संकेत देने का काम कर रहे हैं.

प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और असंतुष्ट चल रहे भाजपा नेता खड़से के दावे NCP को रास आ सकते हैं जो आरोप लगा रही है कि ईडी का मामला अगले महीने होने वाले चुनावों को देखते हुए राजनीति से प्रेरित है.

खड़से नवंबर 2009 से अक्टूबर 2014 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे. इसके बाद अक्टूबर 2014 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्ता में आई.

उन्होंने अपने गृह जिले जलगांव में संवाददाताओं से कहा, 'मैंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के भ्रष्टाचार के मामले को देखा था. तब मैं राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता था. मैंने कई बार आवाज उठाई लेकिन मैं कह सकता हूं कि शरद पवार का नाम पूरे मामले में कहीं नहीं था.'

उन्होंने कहा, 'मुझे हैरानी होती है कि मामले में उनका नाम कैसे शामिल हो गया.'

लंबे वक्त से बीजेपी से नाराज हैं खड़से

ये कोई पहली दफा नहीं है, जब खड़से ने अपनी पार्टी से अलग राग आलापा है, इससे पहले लोकसभा चुनाव के वक्त भी कई बार वो NCP की वकालत करते दिखाई दिए थे. उस वक्त तो एकनाथ खड़से ने भाजपा छोड़ने के संकेत दिए थे.

जमीन घोटाले के आरोपों के बाद राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में हाशिए पर फेंक दिए गए खडसे ने बुधवार को लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कहा था, 'कोई भी एक ही पार्टी का ठप्पा लगाकर जीवन भर वहां नहीं रह सकता। राजनीति में किसी को भी हलके में नहीं लेना चाहिए।'

एक समय राज्य के मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने वाले खड़से के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उन्हें 2016 में राज्य के राजस्व मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था.

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