नई दिल्ली: बैंक घोटाले के आरोपी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर कई दिनों से केंद्र की मोदी सरकार प्रयास कर रही है लेकिन सरकार को अब तक सार्थक सफलता नहीं मिली है. विपक्षी पार्टियां इस मामले पर मोदी सरकार को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगी रहती हैं. अब इस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
6 हफ्ते में में जवाब दे केंद्र सरकार
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से कहा कि वह ब्रिटेन में भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने सबंधी कार्यवाही पर छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दायर करे. माल्या के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही के दौरान सोमवार को कोर्ट ने यह निर्देश दिया है.
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समाप्त हो चुका है प्रत्यर्पण का मामला- सुप्रीम कोर्ट में विदेश मंत्रालय बोला
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 5 अक्तूबर को हुई सुनवाई में विदेश मंत्रालय ने अदालत को बताया था कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला समाप्त हो चुका है. ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है. ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है. यानी भारत को माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की जा रही है.
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गौरतलब है कि न्यायमूर्ति ललित ने सहगल से कहा था कि वह अदालत को सूचित करें कि उनका मुवक्किल शीर्ष अदालत के समक्ष कब पेश होगा, ताकि अदालत की अवमानना के लिए सजा पर सुनवाई उनकी उपस्थिति में की जा सके, जिसके लिए वह पहले ही दोषी पाए जा चुके हैं. इसके बाद शीर्ष अदालत ने माल्या के वकील से 2 नवंबर तक इन सवालों के जवाब देने को कहा था.
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