कोलकाता: देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर पश्चिमी मिदनापुर के एक गांव में पहुंचे. एक किसान परिवार के मेहमान बने, जमीन पर बैठकर केले के पत्ते पर भोजन किया. उनके साथ बंगाल बीजेपी के तमाम शीर्ष नेता भी थे.
किसान सर्वप्रथम का संदेश!
Had delicious food for lunch at Shri Jhunu Singh ji and Shri Sanatan Singh ji's home in Belijuri village, Midnapore (West Bengal).
Grateful to the entire family for such warmth, affection and love pic.twitter.com/CVAvnOG4It
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
किसान परिवार में भोजन करके शाह ने संदेश दिया कि मोदी सरकार के लिए किसान सर्वप्रथम है और अमित शाह (Amit Shah) बंगाल दौरे पर सिर्फ सियासी जीत के लिए नहीं, बल्कि किसानों के दिल में जगह बनाने के लिए गए हैं. अमित शाह जब पिछली बार बंगाल दौरे पर गए थे, तब भी दोपहर का भोजन उन्होनें न्यूटन इलाके में नबीन विस्वास के घर पर किया था, जो मटुआ समुदाय से आते हैं. यानी एक बार सामाजिक समरसता और फिर किसानों के हितैषी होने का संदेश दिया.
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शनिवार की सुबह गृह मंत्री ने अपने दौरे की शुरूआत बंगाल के नायक स्वामी विवेकानंद को नमन के साथ किया. उन्होंने कोलकाता में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. अमित शाह ने रामकृष्ण मठ में पूजा अर्चना की.
Had the profound fortune of spending time at the Ramakrishna Mission & pay tributes to Swami Vivekananda ji. He was a great son of Mother India who devoted his life to National Resurgence. May his ideals continue to inspire us to transform India into a land of enlightened wisdom. pic.twitter.com/8dJCjiLPot
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
अमित शाह (Amit Shah) ने स्वामी विवेकानंद को रामकृष्ण मिशन की ओर से पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि "ये शौभाग्य का विषय है कि मैं उस जगह पर आया हूं जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतना जागरूक करने की जगह है. यही वो स्थान है जहां भारत की आकाश गंगा के सबसे तेजस्वी तारे स्वामी विवेकानंद ने जन्म लिया था."
सौभाग्य की बात है कि मैं उस स्थान पर आया हूं जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए चेतना जागृत करने का केंद्र है।
स्वामी विवेकानंद जी ने आधुनिकता और अध्यात्म को जोड़ने का काम किया।
स्वामी जी के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित कर यहां से नई चेतना प्राप्त करके जा रहा हूँ। pic.twitter.com/MDOVPCdo2y
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
उन्होंने कहा कि "स्वामी जी ने अल्पआयु में ही भारत का ज्ञान, भारत की संस्कृति विश्वभर में दिग्विजय कराने का काम किया था. जब अमेरिका में उस समय सर्वधर्म सम्मेलन हुआ तब स्वामी जी ने अपने एक ही वाक्य से सनातन धर्म की विश्व बंधुत्व की व्याख्या को पूरी दुनिया को परिचित कराया था."
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अमित शाह कोलकाता से रवाना होकर मिदनापुर पहुंचे. अमित शाह ने बंगाल के 3 महापुरुषों को क्षद्धांजलि दी. स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस के बाद उन्होनें मिदनापुर में स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को भी श्रद्धांजलि दी.
Paid floral tributes to Khudiram Bose, an epitome of valour and courage, who at a very young age sacrificed himself for the cause of India's Independence.
His life stands as an inspiration for us to do all that it takes to preserve our freedom and democracy. pic.twitter.com/Xr8UFhPhkJ
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
अमित शाह (Amit Shah) खुदीराम बोस (Khudiram Bose) के घर पहुंचे और उनके परिवार वालों से मुलाकात की. पूरे सम्मान के साथ शाह (Amit Shah) ने उन्हें शॉल ओढ़ाई. खुदीराम बोस (Khudiram Bose) के परिवार ने कहा कि उन्हें पहली बार किसी पार्टी ने सम्मान दिया है.
Feeling extremely blessed to have visited the punya bhoomi of Shri Khudiram Bose.
I bow to his undying love for motherland. pic.twitter.com/p5vC73WGw7
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
खुदीराम बोस (Khudiram Bose) के परिवार से मुलाकात के बाद अमित शाह (Amit Shah) सिद्धेश्वरी मंदिर पहुंचे. वहां पूजा अर्चना की, इसके बाद महामाया मंदिर पहुंचकर भी शाह ने देवी मां का पूजन किया.
Took blessings at Siddheshwari Mata temple in Midnapore and prayed for the prosperity of the people of West Bengal. May the divine blessings of Maa Kaali ensure good health and happiness in everyone's life. pic.twitter.com/bhU6wS1uHm
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2020
बंगाल के इस दौरे से गृह मंत्री ने एक साथ तीन संदेश दिए. पहला बंगाल के लोगों को कि बीजेपी उनके राज्य के महापुरुषों का सम्मान करती है. दूसरा संदेश किसानों के लिए कि मोदी सरकार कानून लाकर किसानों की ही भलाई चाहती है और तीसरा संदेश, ममता बनर्जी के लिए 2021 की लड़ाई आसान नहीं होगी. शुवेंदु अधिकारी समेत टीएमसी के कई बड़े नेताओं को अपने पाले में लाकर बीजेपी ने ममता बनर्जी को कड़ी चुनौती पेश की है.
अमित शाह के 'जय श्रीराम' नारे के मायने
ममता बनर्जी ने जय श्रीराम के नारे को लेकर बीजेपी पर वार किया था. बीजेपी के हिंदुत्वादी विचारधारा को मज़बूत करने की कोशिश की. बंगाल में ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप है, ऐसे में बंगाल में हिंदू वोटों का बिखराव रोकने की कोशिश है. बीजेपी को बंगाल की धार्मिक-सामाजिक चेतना से जोड़ने की कोशिश है. ममता सरकार पर दुर्गापूजा में पक्षपात करने का भी आरोप लगा है.
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