नई दिल्ली: UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए सभी दल अपने-अपने दांव खेल रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा के वोट में सेंधमारी करने की रणनीति बनाई है. ऐसा माना जा रहा है कि बसपा कई सीटों पर सपा को नुकसां पहुंचाएगी, लेकिन अब BSP ने भाजपा को झटका दिया है. बसपा ने 11 सीटों पर सवर्ण जातियों के प्रत्याशी उतारे हैं. ये जातियां भाजपा का कोर वोटर मानी जाती हैं.
ब्राह्मण और क्षत्रिय वोटर्स पर नजर
लोकसभा चुनाव में सोच-समझकर सोशल इंजीनियरिंग का प्लान बनाया है. अब तक बसपा ने 36 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इनमें से 11 उम्मीदवार सवर्ण जातियों के हैं. इनमें से भी 4 ब्राह्मण प्रत्याशी हैं. बसपा दलित वोटर्स के साथ-साथ ब्राह्मण और क्षत्रिय वोट अपनी ओर चाह रही है.
मायावती 50% वोट को कर रहीं टारगेट
यूपी में करीब 8-10 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं. 13 जिलों में ब्राह्मणों की संख्या 20% के करीब है. वहीं, यूपी में 7% राजपूत वोटर हैं. यहां पर दलित वोटर्स की संख्या 22% है. इस लिहाज से मायावती की नजर यूपी के 50% वोट पर है. वे चाह रही हैं कि तीनों समुदायों से हमें ज्यादा से ज्यादा वोट मिले.
ब्राह्मण वोटर्स पर विशेष फोकस क्यों?
यह पहली बार नहीं है जब मायवती ब्राह्मण और क्षत्रिय वोटर्स को टारगेट कर रही हैं. 2004 के लोकसभा चुनाव और 2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती का यह दांव सफल साबित हुआ था. 2007 में कुल 57 विधायक ब्राह्मण समाज से थे. इनमें से 41 बसपा के थे, तब बसपा की राज्य में सरकार भी बनी थी. माना जाता है कि यूपी में ब्राह्मणों के भरोसे ही यूपी की सत्ता तक का रास्ता तय किया जाता है. 2012 के विधानसभा चुनाव में 41 ब्राह्मण विधायक जीते थे, इनमें से 21 सपा से थे, तब सपा की सरकार बनी. 2017 में ब्राह्मण समाज से 56 विधायक थे, इनमें से 46 भाजपा से थे. तब यूपी में भाजपा की सरकार बनी. यही कारण है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में मायावती का फोकस ब्राह्मण वोटर्स पर सबसे अधिक है.
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