नई दिल्लीः Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान तारीखों को नजदीक आता देख बिहार में पार्टियों से नाराज प्रत्याशियों के बगावती सुर तेज हो गए हैं. अपनी पसंदीदा पार्टी से टिकट न मिलने पर कई प्रत्याशियों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे बिहार की कई लोकसभा सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई के आसार दिखने लगे हैं.
इन 7 सीटों पर हो सकती है त्रिकोणीय लड़ाई
इनमें पूर्णिया, वाल्मीकिनगर, काराकाट, किशनगंज, नवादा, मधेपुरा और सीवान का नाम प्रमुखता से शामिल है. राजनीतिक एक्सपर्ट बता रहे हैं कि प्रदेश में जिन सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई की स्थिति बन रही है, उनमें कई सीटों पर एनडीए को फायदा हो सकता है तो कई पर महागठबंधन को. यानी NDA और महागठबंधन दोनों को त्रिकोणीय लड़ाई का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. आइए एक नजर इन सभी सीटों पर डालते हैं.
पूर्णिया से पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं चुनाव
पूर्णिया लोकसभा सीटः मौजूदा समय में बिहार में सबसे अधिक चर्चा पूर्णिया की लोकसभा सीट को लेकर बनी हुई है. NDA में पूर्णिया की सीट JDU के खाते में गई है और JDU ने संतोष कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, इंडिया गठबंधन में यह सीट RJD के खाते में गई है और RJD ने बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे नाराज होकर कांग्रेस के नए-नवेले नेता पप्पू यादव ने अपने बगावती सुर तेज कर दिए हैं.
एक्सपर्ट बता रहे हैं कि पप्पू यादव पूर्णिया की सीट से चुनाव लड़ने की शर्त पर ही कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन आरजेडी ने इस सीट को अपने पास रख लिया. इससे पप्पू यादव नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं. पप्पू यादव के निर्दलीय चुनाव लड़ने से पूर्णिया में त्रिकोणीय लड़ाई के आसार बन गए हैं. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इसका फायदा सीधे JDU उम्मीदवार संतोष कुमार को मिल सकता है.
वाल्मीकिनगर में भी दिख सकती है त्रिकोणीय लड़ाई
वाल्मीकिनगर लोकसभा सीटः पूर्णिया की तरह वाल्मीकिनगर लोकसभा भी आरजेडी के खाते में गई है और पार्टी ने दीपक यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया है. इससे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाजी अहमद हुसैन अंसारी नाराज हो गए हैं और बगावती सुर अपनाते हुए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वहीं, NDA में JDU की ओर से सिटिंग सांसद सुनील कुमार को मैदान में उतारा गया है.
अहमद हुसैन अंसारी के बागी तेवर से वाल्मीकिनगर में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिखने लगे हैं. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस त्रिकोणीय मुकाबले का फायदा JDU प्रत्याशी सुनील कुमार को मिल सकता है.
काराकाट से पवन सिंह लड़ रहे हैं चुनाव
काराकाट लोकसभा सीटः एनडीए में काराकाट की सीट राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के खाते में गई है. इस सीट से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. वहीं, महागठबंधन में यह सीट सीपीआई एमएल के खाते में गई है और सीपीआई एमएल ने राजा राम सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
इसके अलावा भोजपुरी सिंगर और फिल्म स्टार पवन सिंह ने भी इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पवन सिंह के इस ऐलान के बाद काराकाट में त्रिकोणीय लड़ाई के आसार नजर आने लगे हैं. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इसका नुकसान उपेंद्र कुशवाहा को उठाना पड़ सकता है.
पिछली बार भी हुई थी त्रिकोणीय लड़ाई
किशनगंज लोकसभा सीटः महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है और कांग्रेस ने यहां से अपने सिटिंग सांसद मोहम्मद जावेद पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, NDA खेमे में यह सीट JDU खेमे में गई है और JDU ने भी मुस्लिम नेता मुजाहिद आलम को टिकट दिया है. इस सीट से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अख्तरुल ईमान को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया है.
हालांकि, पिछली बार भी इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिली थी. इसके बाद भी कांग्रेस जीतने में कामयाब रही थी. किशनगंज बिहार की एकलौती सीट थी, जिसे मोदी लहर में भी कांग्रेस ने जीती थी.
विनोद यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
नवादा लोकसभा सीटः महागठबंधन खेमे में नवादा की सीट राजद के खाते में गई है और RJD ने श्रवण कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. इससे पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं. पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद यादव के भाई विनोद यादव ने RJD से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
वहीं, एनडीए की ओर से बीजेपी ने राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को मैदान में उतारा है. विनोद यादव के बगावती तेवर से नवादा में त्रिकोणीय लड़ाई के आसार बनने लगे हैं.
टिकट न मिलने से नाराज दिख रहे हैं शांतनु यादव
मधेपुरा लोकसभा सीटः मधेपुरा से जेडीयू ने सिटिंग सांसद दिनेश चंद्र यादव को मैदान में उतारा है. वहीं, RJD की ओर से प्रो. कुमार चंद्रदीप मैदान में हैं. टिकट न मिलने से शांतनु यादव राजद से नाराज दिख रहे हैं और उन्होंने जिस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि शांतनु यादव निर्दलीय चुनावी ताल ठोक सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो मधेपुरा में भी त्रिकोणीय लड़ाई का मंजर देखने को मिल सकता है.
हिना शहाब की राह देख रही RJD!
सीवान लोकसभा सीटः महागठबंधन में बिहार की जो सीटें RJD के खाते में गई हैं, उनमें सीवान का नाम भी शामिल है. RJD ने बिहार के सभी सीटों से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है लेकिन सीवान अभी भी बाकी है. सीवान को लेकर दो तरह के दावे किए जा रहे हैं, पहला दावा तो यह है कि RJD सीवान से अवध बिहारी चौधरी को लेकर मन बना चुकी है. वहीं, दूसरा दावा यह है कि RJD अभी भी हिना शहाब की राह देख रही है.
अगर हिना शहाब RJD में शामिल होती हैं, तो सीवान की सीट उन्हें मिल सकती है. हालांकि, हिना शहाब ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. एनडीए खेमे में यह सीट JDU के खाते में गई है और JDU ने विजय लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है. हिना शहाब के निर्दलीय चुनाव लड़ने और अवध बिहारी चौधरी के RJD से चुनाव लड़ने की स्थिति में सीवान में भी त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल सकती है.
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