सत्ता बचाने के लिए ममता ने आखिरी पल में चला बड़ा दांव, जानिए क्या?

ममता बनर्जी ने चुनावी आचार संहित के लागू होने से कुछ घंटे पहले ही सत्ता में वापसी के लिए एक बड़ा दांव चल दिया. 

Written by - Navin Chauhan | Last Updated : Mar 4, 2021, 09:40 PM IST
  • फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने किया है नई पार्टी का गठन.
  • ममता का साथ छोड़ थाम लिया लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन का हाथ.
सत्ता बचाने के लिए ममता ने आखिरी पल में चला बड़ा दांव, जानिए क्या?

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ता पर पिछले 10 साल से काबिज ममता बनर्जी के लिए इस बार भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. भाजपा द्वारा रचे गए राजनीतिक चक्रव्यूह में ममता फंसती नजर आ रही हैं और वो खुद को बचाए रखने के लिए तरह तरह के पैंतरे आजमा रही हैं. भाजपा ने राज्य में हिंदुत्व को नए सिरे से हवा दी है और 'जय श्री राम' के नारे के सहारे सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश में जुटी है. 

ऐसे में टीएमसी जीत का आधार रहे मुस्लिम वोट बैंक में फूट पड़ती देख ममता बनर्जी के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी थीं. ऐसे में ममता बनर्जी ने राज्य में चुनावी बिगुल बजने से ठीक पहले मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश में अपना आखिरी दांव आचारं संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले चल दिया. 

चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्य की विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. पश्चिम बंगाल में 8 चरण में मतदान होगा और परिणाम की घोषणा 2 मई को होगी. लेकिन उनके इस ऐलान से कुछ घंटे पहले ममता बनर्जी ने फुरफुरा शरीफ के विकास के लिए 2.60 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया.

वित्त विभाग पहले ही दे चुका है 20 करोड़ 
जो फंड जारी किया गया है उसका इस्तेमाल मुख्य रूप से 20 हाई मास्ट और 400 स्ट्रील लाइट लगाने के साथ-साथ सौंदर्यीकरण के अन्य कार्यों में होगा. वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में वित्त विभाग ने फुरफुरा शरीफ डेवलपमेंट अथॉरिटी की तकरीबन 60 योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी. ममता द्वारा जारी किया गया फंड इससे अलग होगा.

पीरजादा के चाचा से मुलाकात के बाद किया ये फैसला 
टीएमसी के एक अधिकारी के मुताबिक फुरफुरा शरीफ के विकास के लिए 2.6 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय पीरजादा सिद्दीकी के चाचा और विरोधी तोहा सिद्दीकी की ममता बनर्जी और राज्य के शहरी विकास और नागरिक निकाय मंत्री फिरहद हाकिम के बीच मुलाकात के बाद लिया गया. तोहा सिद्दीकी ने पीरजादा की लेफ्ट के साथ गठबंधन करने की आलोचना की और कहा कि वो पीरजादा की जगह वामपंथी हो गया है. 

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ममता का साथ छोड़ पीरजादा ने थामा लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन का हाथ
फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने इस बार चुनावी दंगल में खुद उतरने का फैसला किया है. पीरजादा ने  इंडियन सेक्युलर फ्रंट(ISF) नाम से नई पार्टी का गठन किया. इसके साथ ही टीएमसी का दामन छोड़कर लेफ्ट-कांग्रेस का हाथ थामने का फैसला किया. उनका दावा है कि लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन ने उन्हें आगामी चुनाव में 30 सीट देने जा रही है.

चार से पांच जिलों में है मजबूत पकड़ 
पश्चिम बंगाल में मुसलमानों की आबादी कुल आबादी का 30 प्रतिशत है. मुसलमानों के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले फुरफुरा पीरजादा की इंडियन सेक्युलर फ्रंट(ISF) सीधे तौर पर टीएमसी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा सकती है. आईएसएफ की राज्य के चार से पांच जिलों में बेहद मजबूत पकड़ है जिसमें हुगली, हावड़ा, उत्तरी चौबीस परगना शामिल हैं.

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