नई दिल्ली: Rahul Gandhi Waynad: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी आज वायनाड से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इससे पहले 2019 में उन्होंने यहां से लोकसभा चुनाव जीता था और संसद पहुंचे थे. अब एक बार फिर राहुल ने वायनाड सीट से ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. हालांकि, राहुल गांधी का वायनाड से महज राजनीति रिश्ता ही नहीं है, बल्कि इमोशनल कनेक्ट भी है. यह अब से नहीं, बल्कि तब से है जब राहुल गांधी 21 साल के थे और उनके पिता पूर्व PM राजीव गांधी की हत्या हो गई थी.
1991 में हुई राजीव गांधी की हत्या
दरअसल, 21 मई, 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में एक बम धमाके में राजीव गांधी की हत्या हो गई थी. इसके बाद उनकी अस्थियों को देश की कई नदियों में विसर्जित किया गया था. इसी दौरान राहुल ने वायनाड जाकर अपने पिता कि अस्थियों को पापनाशिनी नदी में विसर्जित किया था.
पापनाशिनी में प्रवाहित की अस्थियां
कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने एक बार बताया था कि वायनाड के थिरूनेली गांव में भगवान महाविष्णु को समर्पित एक मंदिर तक पापनाशिनी नदी बहती है. साल 1991 में राहुल गांधी तत्कालीन मुख्यमंत्री के. करूणाकरन और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के साथ यहां आए थे. तब यहां चेन्नीथला के अलावा, मुल्लापल्ली रामचंद्रन और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे. पहले राहुल ने थिरुनेल्ली मंदिर में पूजा की, फिर अस्थियों का विसर्जन किया.
चुनाव में भी हुआ फायदा
ऐसा माना जाता है कि 1991 में कांग्रेसी नेता के. करुणाकरन ने राजीव गांधी की अस्थियों को केरल की नदी में प्रवाहित कर सियासी जमीन को उपजाऊ बनाया. उन्होंने इसके जरिये कांग्रेस को राज्य में मजबूत बनाया. 1991 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खूब फायदा हुआ. लेफ्ट और वाले एलडीएफ का प्रदेश पूरी तरह से प्रदेश से साफ़ हो गई थी. कांग्रेस ने एतिहासिक जीत दर्ज की थी.
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