नई दिल्ली: Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनाव प्रचार थम चुका है. कल (25 नवंबर) राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर वोटिंग होनी है. गंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत के बाद 200 सीटों की बजाय 199 सीटों पर ही चुनाव हो रहे हैं. इस एक सीट पर चुनाव आयोग बाद में चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा. नतीजे आगामी 3 दिसंबर को आएंगे. प्रदेश की कई सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. वहीं, कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां पर हाईप्रोफाइल चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं. आइए जानते हैं 5 सबसे चर्चित सीटों के बारे में.
झोटवाड़ा
झोटवाड़ा विधानसभा सीट जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यहां से भाजपा ने पूर्व मंत्री और वसुंधरा के करीबी राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर विश्वास जताया है. इनके सामने कांग्रेस से NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को उतारा है. पहले ये सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, यहां से लालंचद कटारिया ने चुनाव जीता था. इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई.
तारानगर
तारानगर से भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मैदान में हैं. जबकि उनके सामने कांग्रेस के बुडानिया हैं, जो इस बार यहां से विधायक हैं. राजेंद्र राठौड़ इस बार अपने गृहक्षेत्र चुरू को छोड़कर तारानगर से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, चुरू से इस बार भाजपा से हरलाल सहारण मैदान में हैं, जो पहले तारानगर से प्रत्याशी रह चुके हैं. सहारण के सामने कांग्रेस ने रफीक मंडेलिया को टिकट दिया है.
उदयपुरवाटी
उदयपुरवाटी से 'लाल डायरी' का खुलासा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनावी समर में उतरे हैं. इस बार वे शिवसेना (शिंदे) गुट के प्रत्याशी हैं. इससे पहले वे बसपा की टिकट पर जीते और कांग्रेस सरकार में मंत्री बने. गुढ़ा लोजपा से भी विधायक रह चुके हैं. गुढ़ा के सामने भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से भगवाना राम सैनी मैदान में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है.
तिजारा
तिजारा को भी प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक माना जा रहा है. यहां से भाजपा ने बालकनाथ को टिकट दिया है, जो अलवर से सांसद भी हैं. बालकनाथ को 'राजस्थान का योगी' भी कहा जाता है. उनके सामने कांग्रेस से इमरान खान हैं. जबकि आजाद समाज पार्टी से उद्यमी पोसवाल चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर मुस्लिम वोट बहुतायत में है. 2018 में तिजारा में बसपा प्रत्याशी संदीप यादव ने चुनाव जीता था. फिर वे कांग्रेस में चले गए, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला.
उदयपुर
मेवाड़ की विधानसभा सीटीट भी इस बार चर्चा में हैं. यहां से गुलाब चंद कटारिया विधायक रह चुके हैं, जो अब असम के राज्यपाल बन गए हैं. ऐसे में भाजप ने यहां पार्षद व नगर निगम निर्माण समिति के अध्यक्ष ताराचंद जैन को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को टिकट दिया है. गौरव वल्लभ तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा से एक निजी न्यूज चैनल पर 'ट्रिलियन में इतने जीरो होते हैं' पूछ लिया था. गौरव इससे पहले झारखंड की जमेशदपुर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, वो ये चुनाव हार गए थे.
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