Rajasthan: 7 बार जीत चुके राठौड़, फिर क्यों हारे चुनाव; क्या हराने में है इस बड़े नेता का हाथ?

Rajasthan Vidhan Sabha chunav Result 2023: यह पहली दफा है जब राजेंद्र राठौड़ को हार देखनी पड़ी है. यह शिकस्त भी उनके हिस्से में तब आई है, जब वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के एकदम नजदीक थे. कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया ने राठौड़ को 10345 वोटों से चुनाव हराया है. लेकिन इस हार के पीछे बुडानिया ही नहीं, बल्कि प्रदेश कांग्रेस के एक और बड़े नेता का हाथ है. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 4, 2023, 09:41 AM IST
  • राठौड़ 10345 वोटों से हारे चुनाव
  • सीट बदलकर चुरू से लड़ा था चुनाव
Rajasthan: 7 बार जीत चुके राठौड़, फिर क्यों हारे चुनाव; क्या हराने में है इस बड़े नेता का हाथ?

नई दिल्ली: Rajasthan Vidhan Sabha chunav Result 2023: राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिला है. लेकिन पार्टी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) चुरू की तारानगर सीट से चुनाव हार गए हैं. राठौड़ लगातार 7 बार से विधायक थे. वे राजनीति में आने के बाद कभी भी चुनाव नहीं हारे. यह पहली दफा है जब राजेंद्र राठौड़ को हार देखनी पड़ी है. यह शिकस्त भी उनके हिस्से में तब आई है, जब वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के एकदम नजदीक थे. कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया ने राठौड़ को 10345 वोटों से चुनाव हराया है. लेकिन इस हार के पीछे बुडानिया ही नहीं, बल्कि प्रदेश कांग्रेस के एक और बड़े नेता का हाथ है. 

डोटासरा ने बना दिया था माहौल
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजेंद्र राठौड़ की बीच अक्सर जुबानी जंग देखने को मिलती है. दोनों के एक-दूसरे के धुर विरोधी नेता माने जाते हैं. दोनों ही शेखावाटी के कद्दावर नेता हैं. पीसीसी चीफ डोटासरा ने पहले ही माहौल बना दिया था कि इस बार राठौड़ अपनी सीट बदलेंगे, चुरू से चुनाव नहीं लड़ेंगे. हुआ भी  यही, राठौड़ तारानगर चले गए. डोटासरा की कही बात सच हो गई, क्षेत्र में पहले ही राठौड़ की कमजोरी के चर्चे होने लगे. 

जाट Vs राजपूत का चुनाव
गोविंद सिंह डोटासरा ने पूरे राजेंद्र राठौड़ के पूरे चुनाव को 'जाट वर्सेस राजपूत' बना दिया. राठौड़ ने तारानगर के अपने दोस्त हरलाल सहारण को चुरू से टिकट दिलवाई और खुद तारानगर से लड़े. राठौड़ को लगा कि सहारण उन्हें जाट समुदाय का वोट दिलवा देंगे, बदले में राठौड़ सहारण को चुरू में राजपूतों का वोट दिलवा देंगे. नतीजों से पता चलता है कि राठौड़ ने तो सहारण को राजपूत वोट दिलवाए, लेकिन सहारण जाटों का वोट बैंक शिफ्ट न कर सके. 

केंद्रीय नेता को बुलाया
डोटासरा ने राजेंद्र राठौड़ को चुनाव हराने के लिए राहुल गांधी को भी तारानगर बुला लिया था. राहुल ने तारानगर में सभा की, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे. इस सभा से प्रत्याशी नरेंद्र बुडानिया के पक्ष में माहौल बना. इसके बाद राठौड़ ने भी पीएम नरेंद मोदी सभा करवाई, भीड़ भी खूब जुटी. सभा सफल रही, एल्किन राठौड़ सीट नहीं जीत पाए. माना जा रहा है कि मोदी की सभा नहीं होती, तो राठौड़ की हार का मार्जिन और बढ़ जाता. 

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