कर्नाटक में कौन है कांग्रेस का असली 'असेट', सिद्धारमैया या शिवकुमार? केसी वेणुगोपाल ने किया ये दावा

कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. कांग्रेस ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है. केसी वेणुगोपाल ने क्या कुछ कहा इस रिपोर्ट में जानिए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 18, 2023, 12:57 PM IST
  • कांग्रेस ने कर्नाटक सिद्धारमैया के नाम की औपचारिक घोषणा की
  • डीके शिवकुमार बने रहेंगे अध्यक्ष और मिलेगी डिप्टी सीएम की कुर्सी
कर्नाटक में कौन है कांग्रेस का असली 'असेट', सिद्धारमैया या शिवकुमार? केसी वेणुगोपाल ने किया ये दावा

नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. कांग्रेस ने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला किया है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार इस सरकार में एकमात्र उप मुख्यमंत्री होंगे.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे डीके शिवकुमार
कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने ये भी बताया कि लोकसभा चुनाव होने तक शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी बने रहेंगे. कांग्रेस में सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों कांग्रेस की बड़ी ‘असेट’ हैं. पार्टी के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री के चयन पर कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक है; हम आम-सहमति में भरोसा रखते हैं, तानाशाही में नहीं..

कर्नाटक में 20 मई को शपथग्रहण समारोह?
इस औपचारिक ऐलान से पहले सूत्रों ने दावा किया कि कि 20 मई को दोपहर साढ़े बारह बजे बेंगलुरु में शपथग्रहण समारोह होगा. सूत्रों के अनुसार, बेंगलुरु में आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें सिद्धारमैया को आधिकारिक रूप से नेता चुना जाएगा. पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार देर रात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ मंत्रणा की और फिर सिद्धारमैया और शिवकुमार को इस फार्मूले पर राजी किया गया.

इस फार्मूले पर सहमति बनने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को सुबह खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की. सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर जारी की है जिसमें खड़गे दोनों नेताओं का हाथ पकड़कर ऊपर उठाए हुए नजर आ रहे हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ कई मंत्री भी शपथ ले सकते हैं.

तीन दिनों से जारी था कांग्रेस में मंथन का दौर
कर्नाटक में पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए पिछले तीन दिनों से कांग्रेस में मंथन का दौर जारी था. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अलग अलग मुलाकात की थी. फिर बुधवार रात शिवकुमार ने सुरजेवाला के आवास पर मुलाकात की तथा इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और सुरजेवाला ने उनसे चर्चा की. फिर वेणुगोपाल के आवास पर मंथन का दौर चला.

मुख्यमंत्री को लेकर फैसले पर लेकर बने संशय के बीच पार्टी ने बुधवार को अपने नेताओं को बयानबाजी से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा था कि अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं और वह मई 2013 से मई 2018 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कभी जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) का हिस्सा रहे सिद्धारमैया दो बार राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.

पिछली विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे. कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वह पिछले करीब तीन वर्षों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वह प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कुछ सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.

खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देने के साथ ही उन्हें कुछ महत्वपूर्ण विभाग भी सौंपे जा सकते हैं. कांग्रेस विधायक दल की गत रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा.

राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं.
(इनपुट- भाषा)

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