महज एक वोट से हारे चुनाव, मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए जोशी, पत्नी ने ही नहीं दिया था वोट...जानें किस्सा

 Rajasthan Assembly Election 2023: साल 2003 में गहलोत सरकार जाने के बाद कांग्रेस ने सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था.  2008 में चुनाव आए तो जोशी की मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे प्रबल दावेदारी थी. लेकिन नतीजे आए तो उनके सारे अरमानों पर पानी फिर गया.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Nov 16, 2023, 01:10 PM IST
  • 2008 में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीती
  • लेकिन जोशी की बजाय गहलोत बने CM
महज एक वोट से हारे चुनाव, मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए जोशी, पत्नी ने ही नहीं दिया था वोट...जानें किस्सा

नई दिल्ली: Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 25 तारीख को मतदान होने वाला है. चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक दल सभी लोगों से भारी संख्या में मतदान करने की अपील कर रहे हैं. राजस्थान में जब-जब चुनाव आते हैं, एक नेता की कहानी सबकी जुबान पर आती है, जो महज एक वोट से हार गए थे और मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे. ये किस्सा साल 2008 का है, जो वर्तमान में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर और नाथद्वारा से कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी (CP Joshi) के साथ घटा था. क ऐसी कहानी एक बार फिर चर्चा में आ रही है जब एक मुख्यमंत्री पद के दावेदार को महज एक वोट से मिली हार के चलते गद्दी नसीब नहीं हो सकी. सियासी गलियारे के कई जानकारों का मानना है कि जब इस राजनेता की एक वोट से हार हुई थी तो उनकी ही पत्नी वोट करने से वंचित रह गई थीं.

'जोशी का चांस लग रहा है'
साल 2003 में गहलोत सरकार जाने के बाद कांग्रेस ने सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ कई बड़े आंदोलन खड़े किए. साल 2008 में चुनाव आए तो जोशी की मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे प्रबल दावेदारी थी. गहलोत भी कहने लगे थे कि इस बार जोशी का चांस लग रहा है. 

चुनाव हार गए
जोशी ने नाथद्वारा सीट से ही पर्चा दाखिल किया था. वे पहले भी इस सीट से चार बार 1980, 1985, 1998 और 2003 में जीत दर्ज कर चुके थे. लिहाजा, इस बार जीत के लिए वे पूरी तरह आश्वस्त थे. वे मुख्यमंत्री बनने के लिए दिल्ली के शीर्ष नेताओं के घरों पर देखे जाने लगे थे. लेकिन नतीजे आए तो उनके सारे अरमानों पर पानी फिर गया. वे भाजपा के कल्याण सिंह चौहान से एक वोट के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए. जोशी को 62215 वोट मिले, जबकि चौहान को 62216 वोट आए. 

पत्नी ने वोट ही नहीं दिया
कुछ दिन बाद पता चला कि सीपी जोशी की पत्नी प्रोफेसर हेमलता जोशी ने वोट दिया ही नहीं था. खुद सीपी जोशी ने भी स्वीकार की वोटिंग वाले दिन उनकी पत्नी और बेटी मंदिर गई हुई थीं. इस वजह से वे मतदान नहीं कर पाई थीं. लोग कहते हैं कि जोशी ये चुनाव हारने का काफी मलाल रहा. 

कौन बना मुख्यमंत्री?
2008 में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीती. जोशी हार गए, इसलिए पार्टी ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर विशवास जताया. लेकिन कांग्रेस का हाईकमान जोशी पर मेहरबान रहा. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भीलवाड़ा लोकसभा टिकट दिया गया. वे चुनाव जीते और केंद्र में पंचायती राज मंत्री बने. 

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