नई दिल्ली: Himachal Pradesh Election Results 2022: कांग्रेस की पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी हो रही है. हिमाचल प्रदेश के लोगों ने पुराने रिवाज को कायम रखते हुए मौजूदा सत्ताधारी दल को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
पुरानी पेंशन बहाली के वादे ने बदली तस्वीर
कांग्रेस की जीत का मुख्य आधार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का वादा और सत्ता विरोधी माहौल रहा. प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान को ओपीएस के आधार पर खड़ा किया था और उसे इसका फायदा भी मिला. गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही थी, तो वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा को बरकरार रखने की आशा कर रही थी.
BJP नहीं भांप सकी जमीनी हकीकत
भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और कहा था कि भाजपा के चिह्न ‘‘कमल’’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाली थी.
महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये फ्री देने की रणनीति आई काम
हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है. भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए थे. पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया था. भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने, महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये देने और कई अन्य वादे किए थे.
ये भी पढ़ें- Himachal Election: हिमाचल में पूरी तरह धराशायी हुई AAP, पार्टी नहीं खोल सकी खाता
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.