नई दिल्ली: Afghanistan News: अफगानिस्तान में जंग के बाद से फैली सुरंगे और युद्ध के अवशेष वहां के बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं. 'युनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन फंड' ( UNICEF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में विस्फोटकों के कारण अबतक 500 अफगानी बच्चों की या तो मौत हो गई है या फिर वे घायल हो गए हैं.
विस्फोटक बनें बच्चों के लिए काल
UNICEF के मुताबिक साल 2024 में 3 मिलियन अफगानी बच्चों और उनके परिजनों को विस्फोटकों के खतरे से बचाने और इससे होने वाले नुकसान को लेकर ट्रेनिंग दी गई. वहीं 5 जनवरी 2025 को UNICEF की ओर से उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर भी शेयर की गई जिसमें बच्चों को युद्ध के अवशेषों की पहचान करने और उससे बचने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी.
बच्चों को दी जारी ट्रेनिंग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अपने पोस्ट में UNICEF ने लिखा, ' साल 2024 में 500 से अधिक बच्चे विस्फोट वाले आयुधों या युद्ध के अवशेषों के कारण या तो मारे गए या फिर गंभीर रूप से घायल हो गए.'
In 2024, more than 500 children were killed or gravely injured by unexploded ordnances or explosive remnants of war.
UNICEF educated around 3 million children and caregivers on the risks of explosive ordnances last year, including how to identify, avoid and report them. pic.twitter.com/b3wtEA9dEt
— UNICEF Afghanistan (@UNICEFAfg) January 5, 2025
'UNICEF ने 3 मिलियन के करीब बच्चों और उनके परिजनों को विस्फोटकों की पहचना करने, उससे बचने और अधिकारियों को इसकी जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया.
IED से दूषित है जमीन
12 नवंबर 2024 को HALO नाम की एक संगठन ने बताया कि अफगानिस्तान में 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से दूषित है, जिससे यह देश विश्व के 4 सबसे अधिक प्रभावित वाले देशों में शामिल हो गया है. अफगानिस्तान में तालिबान शासन के दौरान कई सड़कों और खेतों में बिना किसी योजना और मैप के बारूदी सुरंगे बिछाई गईं, जिससे वहां के लोगों और बच्चों का जीवन खतरे में खतरे में डल गया है. HALO संगठन के 2,235 कर्मी जमीन को सुरक्षित बनाने के इस चुनौतीपूर्ण काम में लगे हैं.
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