Bengal: 4 साल पहले दीदी ने निकाली थी 30 हजार शिक्षकों की भर्ती, अभी तक नहीं मिली नौकरी

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आया तो ममता सरकार को 4 साल पुरानी वैकेंसी की याद आ गई. ममता बनर्जी ने 2017 में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली थी, लेकिन जब चुनाव आया तब जाकर परीक्षा हुई. अब इन लोगों को नौकरी कब मिलेगी ये तो दीदी ही जानती होंगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 4, 2021, 06:02 PM IST
  • शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से रोजगार पर दीदी की खुल गई पोल
  • 4 साल पहले निकली वैकेंसी, अबतक नहीं मिली नौकरी
Bengal: 4 साल पहले दीदी ने निकाली थी 30 हजार शिक्षकों की भर्ती, अभी तक नहीं मिली नौकरी

बरसाती मेंढक के बारे में तो सभी जानते हैं, चुनावी सीजन में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार (Mamata Government) की रोजगार के मुद्दे पर पोल खुल गई है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में 4 साल पहले वर्ष 2017 में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी, लेकिन अबतक किसी को नौकरी नहीं मिल पाई है.

4 साल बाद हुई परीक्षा, कब मिलेगी नौकरी?

वर्ष 2017 में WBTET यानी पश्चिम बंगाल शिक्षक पात्रता परीक्षा का नोटिफिकेशन 30 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए निकाला गया था. बीते 31 जनवरी को इसका एग्जाम हुआ है. यानी पूरे चार साल के बाद अभी एग्जाम हुआ है.

चुनाव आया तो ममता दीदी को उन 30 हजार नौकरियों की याद आई जो उन्होंने 4 साल पहले निकाली थी. खैर, एग्जाम के बाद रिजल्ट और फिर मेरिट लिस्ट कब आएगी इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. लोगों को नौकरी कब मिलती है यानी नियुक्ति कब तक होगी ये भी सरकार ही जानती होगी.

चुनाव आते ही दीदी को बेरोजगारों की याद आई?

4 सालों तक ममता दीदी वैकेंसी के मुद्दे पर टस से मस नहीं हुईं, लेकिन चुनाव आया तो राज्य सरकार ने राज्य भर के सभी स्कूलों में लगभग 30,000 रिक्तियों के लिए टीईटी की परीक्षा करा दी. महज दो महीने के भीतर इन वैकेंसी के लिए सरकार से मंजूरी भी मिल गई, परीक्षा की अधिसूचना जारी कर दी गई और एग्जाम करा भी दिए गए.

जानकारी के अनुसार लगभग 3.5 लाख उम्मीदवारों ने 2017 में WBTET के लिए आवेदन किया था. फिलहाल एग्जाम तो करा दिए गए हैं, लेकिन ममता दीदी से यही सबसे बड़ा सवाल है कि इन 4 वर्षों में ममता बनर्जी को इस 30 हजार शिक्षकों की वैकेंसी पर परीक्षा का ख्याल क्यों नहीं आया और चुनाव आते ही.... खैर,

रोजगार के मुद्दों पर फेल रही ममता सरकार!

आंकड़ों को देखकर रोजगार के मुद्दे पर ममता सरकार की विफलता का आंकलन किया जा सकता है. रिपोर्ट्स की माने तो राज्य सरकार की युवाश्री योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए राज्य के 35 लाख युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ एक लाख युवाओं को युवाश्री योजना के तहत भत्ता दे रही है.

दावा किया जा रहा है कि बाकि युवाश्री के तहत भत्ता पाने के लिए आवेदन करने वाले 34 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दे रही है, जो बेरोजगार हैं.

हाल ही में ममता बनर्जी ने 72,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली ढांचागत परियोजनाओं की घोषणा की थी, उन्होंने ये दावा किया था कि इन परियोजनाओं से 3.29 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

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ममता दीदी ने ये भी दावा किया है कि पिछले 5 साल में राज्य में 1.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं. ममता दीदी के ये आंकड़े और दावे कितने हवा-हवाई हैं, इसे शिक्षक भर्ती की TET परीक्षा से टाल मटोल से समझा जा सकता है.

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