गांधीनगर: मध्य प्रदेश के संकट के बीच कांग्रेस को गुजरात से भी बुरी खबर मिल रही है. गुजरात में राज्यसभा चुनाव होने हैं. इस बीच कांग्रेस को डर है कि कहीं उसके विधायकों को खरीदा जा सकता है. गुजरात से 20 कांग्रेस विधायकों को जयपुर भेजा जा रहा है. 26 मार्च को 17 राज्यों की 55 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हैं. पिछली बार गुजरात में राज्यसभा चुनाव के समय कई कांग्रेस विधायकों ने भाजपा उम्मीदवारों को वोट कर दिया था.
Gujarat Congress MLA Harshad Ribadiya: Horse trading occurred in the last Rajya Sabha elections in the state so we, the Congress MLAs, have decided to move to Rajasthan to keep us away from attempts of poaching during these polls. MLAs will be trained on voting in the elections. https://t.co/m12WNtyMH7 pic.twitter.com/xS1vz0nPsj
— ANI (@ANI) March 14, 2020
जयपुर में पहले से टिके हैं मध्य प्रदेश के विधायक
राज्सथान में कांग्रेस की सरकार है. जहां कहीं कांग्रेस पर संकट आता है वहां के विधायकों को राजस्थान की राजधानी गुलाबी शहर जयपुर भेज दिया जाता है. जबकि राजस्थान कांग्रेस के भी कई विधायक पाला बदलने की तैयारी में हैं. कमलनाथ सरकार को बचाने के लिये कमलनाथ ने अपने बचे खुचे विधायकों को जयपुर में ठहराया है ताकि कम से कम वे विधायक सुरक्षित रहे.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लगा करंट
आपको बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका लग चुका है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के स्टार नेता और राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. सिंधिया के साथ कांग्रेस के कई विधायकों ने भी पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया था.
मध्य प्रदेश में 22 विधायकों ने की बगावत
Congress party issues a whip to all its MLAs for Vidhan Sabha session of #MadhyaPradesh legislative assembly, from 16th March to 13th April. pic.twitter.com/yVucrnqLvH
— ANI (@ANI) March 14, 2020
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार से नाराज होकर सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में जो कांग्रेस दिल्ली के नतीजों पर कह रही थी कि भाजपा को कंरट लगा है उसी कांग्रेस का भोपाल में पूरा ट्रांसफार्मर उड़ गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ को समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपनी कुर्सी कैसे बचाएं.
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अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो 22 विधायकों की सदस्यता चली जाएगी और कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 114 से 92 हो जाएगी. इससे विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा. ऐसे में भाजपा को 107 सीटों के साथ सरकार बनाने का अवसर मिलेगा.
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