भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में है क्योंकि उनकी पार्टी के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश बीजेपी नेतृत्व का एक दल राज्यपाल लालजी टंडन से मिला और 16 मार्च से पहले कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग की. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि जो सरकार अपना बहुमत खो चुकी है उसके पास बजट पेश करने का अधिकार ही नहीं है. पहले कमलनाथ सरकार बहुमत साबित करे.
Madhya Pradesh: The BJP delegation gave a letter to Governor Lalji Tandon today, requesting him to hold an Assembly Session before 16th March and conduct floor test. They have also requested the Governor for videography of the floor test. https://t.co/8eovaMF1Yy pic.twitter.com/PC46eDcrwN
— ANI (@ANI) March 14, 2020
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने की राज्यपाल से मुलाकात
बीजेपी नेताओं के इस दल में शिवराज के अलावा गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह शामिल थे. बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों की बगावत के चलते प्रदेश की कमलनाथ सरकार फंसती नजर आ रही है. बीजेपी लगातार कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है. बता दें कि स्पीकर एनपी प्रजापति ने इन दिनों बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया गुट के 19 विधायकों को कल तक पेश होने का समय दिया है.
अल्पमत में है कमलनाथ सरकार- शिवराज
राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि 22 विधायकों के इस्तीफे देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है. 16 मार्च को बजट सत्र शुरू होने के पहले सरकार को विश्वास मत प्राप्त करना जरूरी है. इसको लेकर हमने राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट करने के लिए ज्ञापन दिया है. आपको बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक हैं.
कांग्रेस की उम्मीदें केवल स्पीकर से
जिन 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उन पर स्पीकर को ही फैसला लेना है. अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो 22 विधायकों की सदस्यता चली जाएगी और कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 114 से 92 हो जाएगी. इससे विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा. ऐसे में भाजपा को 107 सीटों के साथ सरकार बनाने का अवसर मिलेगा. पिछले साल कर्नाटक में ऐसी स्थिति बनी थी तो सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस्तीफा दिए जाने के 7 दिन के अंदर स्पीकर उनकी वैधता की जांच करें, अगर वे सही हों तो मंजूर करें नहीं तो खारिज कर सकते हैं.
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